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गांव व शहर के नाम के पीछे 'गढ़', 'पुर' और 'आबाद' क्यों होता है, जानिए यह कब से और क्यों शुरू हुआ....

भारत में स्थानों के नामों के पीछे "पुर," "गढ़," और "आबाद" जैसे शब्द जोड़ने की यह परंपरा हमारी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, और भौगोलिक विविधता का प्रतीक है।

गांव व शहर के नाम के पीछे 'गढ़', 'पुर' और 'आबाद' क्यों होता है, जानिए यह कब से और क्यों शुरू हुआ....
जयपुर का हवा महल- फोटो : freepik

Indian City Name: भारत में शहरों और गांवों के नामों के पीछे "पुर," "गढ़," और "आबाद" जैसे शब्द लगाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। यह शब्द न केवल उस स्थान की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हैं बल्कि उस स्थान की भौगोलिक और सामाजिक विशेषताओं को भी इंगित करते हैं। आइए जानते हैं कि इन शब्दों का अर्थ क्या है और इन्हें नामों के पीछे क्यों जोड़ा जाता है।


1. "पुर" शब्द का महत्व

"पुर" एक प्राचीन संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ "शहर" या "किला" होता है। इसका उल्लेख सबसे पहले ऋग्वेद में मिलता है, जहाँ यह रहने की जगह या नगर को संदर्भित करता है। पुराने समय में राजाओं और शासकों द्वारा अपने राज्यों के नामों में "पुर" जोड़ने की प्रथा थी, जिससे उस स्थान की सुरक्षा और सामरिक महत्व को दर्शाया जा सके। जैसे जयपुर का नामकरण राजा जयसिंह के नाम पर किया गया था, जिसमें "पुर" जोड़कर इसे जयपुर बनाया गया। इसी प्रकार, रामपुर, नागपुर, और सहारनपुर जैसे नाम भी इसी परंपरा का हिस्सा हैं। भारत के अलावा, अफगानिस्तान और ईरान में भी "पुर" शब्द का उपयोग होता है, जो उन देशों के साथ सांस्कृतिक संबंध को भी दर्शाता है।


2. "गढ़" शब्द का महत्व

"गढ़" शब्द से आसानी से समझा जा सकता है कि यह किसी किले या दुर्ग से संबंधित है। भारतीय इतिहास में कई गढ़ और किले महत्वपूर्ण रहे हैं, और इसी कारणवश शहरों के नाम के पीछे "गढ़" शब्द लगाया जाता है। गढ़ वाले शहर अक्सर उन स्थानों को संदर्भित करते हैं जहाँ सुरक्षा के लिए मजबूत किले बने हुए होते थे। उदाहरण के लिए, चितौड़गढ़ और अलीगढ़ के नामों में "गढ़" शब्द जोड़कर उस स्थान के किलेबंदी इतिहास को दर्शाया गया है। यह परंपरा राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बहुत प्रचलित है, जहाँ प्राचीन किलों की विरासत आज भी देखी जा सकती है।


3. "आबाद" शब्द का महत्व

"आबाद" एक फारसी शब्द है जो "आब" से बना है, जिसका अर्थ है "जल" या "जीवन।" फारसी में "आबाद" का अर्थ होता है "बसाई हुई जगह" या "उपजाऊ भूमि।" मुगल काल में यह शब्द भारत में लोकप्रिय हुआ और उन जगहों के नाम में जोड़ा गया जो खेती-बाड़ी के लिए उपयुक्त थीं या जिनकी स्थापना किसी शासक द्वारा की गई थी। उदाहरण के लिए, इलाहाबाद (अब प्रयागराज) और फिरोजाबाद जैसे नामों में "आबाद" का उपयोग उस समय के शासकों के प्रभाव को दर्शाता है। इस प्रकार के नामकरण में आमतौर पर यह संकेत मिलता है कि यह स्थान उपजाऊ है या किसी ऐतिहासिक व्यक्तित्व द्वारा बसाया गया था।

 


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