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KASHMIR ELECTION - जम्मु कश्मीर में पहला हिन्दू सीएम देने की तैयारी में जुटी बीजेपी, बनाया ऐसा फार्मूला कि कांग्रेस भी है परेशान

KASHMIR ELECTION - जम्मु कश्मीर में पहला हिन्दू सीएम देने की तैयारी में जुटी बीजेपी, बनाया ऐसा फार्मूला कि कांग्रेस भी है परेशान


DESK : जम्मू कश्मीर में दस साल बाद हुए विधानसभा चुनाव का परिणाम पर पूरे देश की नजरें लगी हुई है। जहां एक तरफ कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस का गठबंधन है, वहीं दूसरी तरफ पीडीपी है, दोनों को पूरी उम्मीद है  कि जम्मू कश्मीर की जनता फिर से उन्हें मौका देगी। वहीं इन सबके बीच भाजपा भी सरकार बनाने की तैयारी में है। बीजेपी को पूरी उम्मीद है कि यहां धारा 370 के खत्म होने के बाद जिस तरह के विकास कार्य हुए और घाटी में शांति बहाली हुआ, उसके बाद वह सरकार बना सकती है। हालांकि भाजपा की तरफ से सीएम कौन होगा, यह स्पष्ट नही है।

पहली बार हिन्दू चेहरे को मिल सकता है मौका

जम्मू कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटों का रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने अभी से घाटी में सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी है. यहां बीजेपी एक साथ 2 मोर्चों पर सियासी बिसात बिछा रही है. मोर्चे की कमान कद्दावर नेता राम माधव के कंधों पर है।  2014 में राम माधव के प्रयास की वजह से ही बीजेपी पीडीपी के साथ सरकार में आ पाई थी। कहा जा रहा है कि बीजेपी अगर समीकरण सेट करने में सफल रहती है तो घाटी को पहला हिंदू मुख्यमंत्री मिल सकता है। 

43 सीट जीते तो भी बना सकते हैं सरकार

जम्मु कश्मीर में 90 सीटों के लिए चुनाव हो रहा है। लेकिन बहुमत के लिए 46 नहीं, 48 सीटें होना जरुरी है। हालांकि भाजपा का लक्ष्य अभी 43 सीटें जीतने पर है। अगर 43 सीट जीतते हैं तो भी वह सरकार बना सकते हैं। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव का जो नियम है, उसके मुताबिक  5 सदस्यों को मनोनीत किया जाएगा। यह मनोनयन जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल करेंगे।

विधानसभा के गठन के साथ ही इन 5 सदस्यों को एलजी मनोनीत करेंगे. पहले से यह प्रावधान है. 8 अक्टूबर या उसके बाद एलजी कभी भी इस संबंध में नोटिफिकेशन निकाल सकते हैं।

नियम के मुताबिक एलजी 2 महिला और 3 कश्मीरी विस्थापित पंडितों को विधायक के तौर पर मनोनीत कर सकते हैं. इन सभी के पास उतने ही पावर होंगे, जितने पावर चुने हुए विधायकों को मिलेंगे. सभी विधायक सरकार गठन के लिए वोट दे सकेंगे।

 कांग्रेस और विपक्षी दल इसका विरोध कर रही है. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला के मुताबिक अभी इस मनोनयन से सरकार के गठन पर असर होगा। साफ है कि मनोनित पांच सदस्य भाजपा के पक्ष में ही वोटिंग करेंगे। जिससे वह सरकार बना सकते हैं।


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