Patna : बिहार सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी की गई है। कोरोना और लॉकडाउन के बीच सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमत में की गई बढ़ोतरी के बाद बवाल मच गया है। विपक्ष ने इसे लेकर सरकार पर बड़ा सवाल उठाया है। वहीं अब इस बढ़ाए गए कीमत को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम ने सफाई दी है।
लॉकडाउन के बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतों में की गई बढोत्तरी पर सफाई देते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के कारण राजस्व में हुई कमी की भरपाई के लिए अन्य राज्यों ने भी पेट्रोल-डीजल के मूल्य में वृद्धि की है।
झारखंड में राजद समर्थित झामुमो-कांग्रेस की सरकार ने प्रति लीटर डीजल,पेट्रोल की कीमत में 2.50 रु., दिल्ली में डीजल की कीमत में 7.10 रु., पंजाब में 2.05 रु., तमिलनाडु में पेट्रोल की कीमत में 3.25 रु., ओडिशा में 3.11 रु. और असम में पेट्रोल की कीमत में 5.85 रु. और डीजल में 5.43 रु. की वृद्धि की है, जबकि बिहार में पेट्रोल व डीजल में यह वृद्धि मात्र 2 रु.की है।
उन्होंने कहा कि बिहार में प्रति माह पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री से जहां औसतन 500 करोड़ रु.का राजस्व संग्रह होता था वहीं अप्रैल, 2020 में वह घट कर 284 करोड़ रहा गया जो पिछले साल के अप्रैल से 43 फीसदी कम है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मार्च में होली के बाद से ही जारी आंशिक और 25 मार्च से पूर्ण लॉकडाउन के कारण बिहार में पिछले साल अप्रैल की तुलना में इस साल अप्रैल में पेट्रोल की बिक्री में 53.14 और डीजल में 46.72 प्रतिशत तथा मार्च में पेट्रोल में 17 और डीजल में 26 फीसदी की कमी आई।
डिप्टी सीएम ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री से प्राप्त होने वाले राजस्व में पिछले दो माह (मार्च-अप्रैल,2020) में 316 करोड़ के नुकसान के मद्देनजर पेट्रोल-डीजल की प्रति ली. बिक्री पर देय कर के रूप में प्रतिशत के साथ एक निश्चित राशि का निर्घारण किया जा सकता है, ताकि मूल्यों में गिरावट से राजस्व की क्षति नहीं हो।