दरभंगा - जिले के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में एक नाबालिक बच्चे का अपहरण कर के बेचने का मामला सामने आया है। अपहरण के बाद बच्चे की मां थाना पहुंचकर बच्चे की बरामदगी को लेकर गुहार लगाई है। आवेदन में बच्चे की मां ने बच्चे के अनहोनी की आशंका जताई है। पीड़िता ने दरभंगा जिला के सदर थाना क्षेत्र के रानीपुर गांव निवासी विशंभर चौधरी पर बच्चा गायब करने का आरोप लगाया है। वहीं सदर एसडीपीओ ने कहा कि इस मामले में पीड़िता को कहा गया है कि वे जो भी कार्रवाई चाहती हैं, उसके अनुरूप आवेदन दें।
पीड़िता सोनम शर्मा ने आवेदन के माध्यम से कहा है मैं सारण जिला की रहने वाली है। मेरे पति सुनील शर्मा और विशंभर चौधरी कानपुर में एलएनटी कंपनी में एक साथ काम करते थे। घर आसपास होने के कारण हमलोगों के बीच पारिवारिक संबंध हो गया। उसी क्रम में मेरे तीन वर्षीय बेटा अयान शर्मा विशंभर चौधरी से बहुत करीब हो गया। इस बीच विशंभर चौधरी ने हमसे कहा कि दरभंगा के श्यामा मंदिर में मन से मांगी हर मन्नत पुरी होती है। आप भी चलकर दर्शन कर लीजिए। शुरू में तो मैंने इंकार किया, किन्तु बाद में उनके दबाब में आ कर हां कर दी।
मैं करीब डेढ़ महीना पहले अपने पति सुनील शर्मा, पुत्र अयान शर्मा के साथ विशंभर चौधरी के घर रानीपुर, दरभंगा आयी। यहाँ आते ही मेरे पति बीमार पड़ गये। विशंभर चौधरी हमें श्यामा मंदिर घुमाने के बहाने अपने बच्चे के साथ श्यामा मंदिर व कई जगह ले गया। उसी क्रम में वो एक दिन मुझे गिलास में हरे रंग का तरल पदार्थ पीने को दिया। मैंने पीने से इंकार किया, बाद में मैंने पी लिया। पीने के कुछ ही देर के बाद मेरा सिर घुमने लगा। मैं सबकुछ देख रही थी, परन्तु समझ नहीं पा रही थी।
उस समय वहाँ पर चार-पाँच आदमी थे। उसमें एक वकील भी थे। विशंभर चौधरी ने हमें लिखे हुए स्टाम्प पेपर पर दस्तखत करने को कहा। मैंने हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया। जिस पर वकिल ने कहा कि आपके हित में कागज बना है। आप हस्ताक्षर कर दीजिए। तो मैंने कहा कि बिना पति के अनुमति के मैं हस्ताक्षर नहीं करूंगी। दिमाग ठीक से काम नही करने के वजह से अंत में दबाब में आकर मैं हस्ताक्षर कर दिया। वहीं से उनलोगों ने मेरे बेटा अयान शर्मा को गायब कर दिया। फिर विशंभर चौधरी हमे अपने घर रानीपुर ले गये। जहां हमारे पति सुनील शर्मा बुखार से ग्रस्त थे।
वही पीड़िता ने कहा कि जब मैं रानीपुर पहुंची तो मुझे आभाष हुआ कि इनलोगों ने मेरे साथ गलत कर मेरे बच्चे को गायब कर दिया है। जब हमने विशंभर चौधरी से अपने पुत्र के संबंध में पूछा तो उनलोगों ने जान से मार देने की धमकी देते हुए चुपचाप से चले जाने को कहा। रोते कलपते अपने पति के साथ बेगैर बच्चा के हम दोनों कानपुर चले गये। वहां जाते ही मेरे पति का बायां पैर टुट गया। मजबूर होकर उनके ईलाज में लग गई। वो कोई मुकदमा नहीं कर पाई। मेरे पति स्वस्थ हुए तो मैं अपने बच्चे की तलाश में दरभंगा पहुंची।
बेटा के तलाश के क्रम में मुझे मालुम हुआ कि विशंभर चौधरी ने मेरे बेटा को बहादुरपुर थाना क्षेत्र के सिनुआरा गांव निवासी सुजाता झा, गौतम झा के हाथो बेच दिया है। सुजाता झा से संपर्क किया तो, उन्होंने स्वीकार किया कि बच्चा उसके पास है। उन्होंने वीडियो कॉल पर बच्चे को दिखाया, परन्तु बात नहीं करने दिया। मैंने बच्चा देने को कहा तो, वे लोग बच्चा लौटने के एवज में हमसे 10 लाख रू० की मांग कर रहे है। इतना रुपया मैं कहाँ से दूंगी। बच्चे के बगैर मेरी जिन्दगी बर्बाद हो रही है। बच्चा मेरा एकलौता बेटा है।
इस संबंध में सदर एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि लगभग 4 से 5 जुलाई को एक महिला कानपुर से दरभंगा स्थित रानीपुर में आई थी। महिला ने अपने छोटे बच्चे को उन्हें पालने के लिए दिया। फिर वो कुछ दिन पहले आकार उस बच्चे को मांगती है। इसमें महिला ने कहा है कि उनके पड़ोसी विशंभर ने अपनी बहन वंदना झा को बच्चों को सौंप दिया। इस मामले में कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है।सिर्फ मौखिक रूप से आकर बता रही हैं। शिकायत करने वाली महिला, वापस छपरा चली गई है। उन्हें कहा गया है कि वे जो भी कार्रवाई चाहती हैं। उसके अनुरूप आवेदन दे।
रिपोर्ट- वरुण कुमार ठाकुर