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30 क्विंटल चना बीज का कागजों में कर दिया वितरण, किसानों ने कहा - अधिकारियों को घर बन गया 'दाल और सत्तु'

30 क्विंटल चना बीज का कागजों में कर दिया वितरण, किसानों ने कहा - अधिकारियों को घर बन गया 'दाल और सत्तु'

MOTIHARI :  सुशासन की सरकार में पदाधिकारियो के लिए लूट की छूट है।पदाधिकारी जो चाहेंगे वही संभव है। बापू के सत्याग्रह का गवाह रहा चंपारण भी इससे अछूता नहीं है। यहां अधिकारी सरकारी योजना में घोटाले तो कर ही रहे हैं। किसानों का हक मारने भी परहेज नहीं कर रहे हैं। मामला जिले के अरेराज प्रखंड से जुड़ा है, जहां किसानों को मिलनेवाला 30 क्विंटल चना बीज अधिकारियों ने मिली भगत कर कागज में ही वितरित कर दिया। नतीजा यह कि यह बीज कभी किसानों तक पहुंच ही नहीं सका।  यहां दुकानदार व कृषि विभाग की मिलीभगत से आपसी में ही सारा बीज बंट गया।कुछ मिला भी तो वैसे किसानों को मिला जो खेती करते ही नही है। अब कृषि विभाग की इस कारगुजारी का मामला जिले के डीएम तक पहुंच गया है. यहां के किसानों ने मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। 

सरकार किसानों को सबल बनाने के लिए कई तरह की योजना लाती है । चना बीज,अनुदानित गेंहू बीज,मुख्यमंत्री तीव्र बीज योजना,राई बीज सहित कई योजना के तहत किसानों के लिए अनुदानित दर पर मुहैया करायी जाती है।लेकिन सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मी धरातल पर पहुचने के पहले ही दम तोड़ देते है। चना बीज वितरण को लेकर ऐसा ही हुआ है। यहां सरकार की तरफ से बाढ़ व जलजमाव से परेशान किसानों के लिए चना की खेती कर अच्छी आमदनी करने के लिए अनुदानित दर पर चना का बीज प्रखंडवार आवंटित किया था। किसानों को चना की खेती के लिए 90 प्रतिशत अनुदान पर प्रखण्ड वार चना का बीज आवंटित किया गया था। प्रति किसान 4 किलो चना बीज किसानों के बीच अनुदानित दर पर वितरण करना था। जिसमें सिर्फ अरेराज प्रखण्ड क्षेत्र में चना की खेती करने के लिए 30 किविंटल चना का बीज आवंटित हुआ था। लेकिन किसानों को इसका लाभ नहीं मिला।

अधिकारियों के घर बना चना दाल व सत्तु

अरेराज प्रखण्ड के किसान सुमेश सिंह ,अजित कुमार,दिनेश भगत,शुभनरायन सिंह सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा खेती करने वाले किसानों को चना का बीज ही नही दिया गया।चना बीज वितरण की खानापूर्ति कर ऊंची पहुंच वाले लोगो को दिया गया।जिसके कारण क्षेत्र में योजना दम तोड़ दिया। बीज वितरण व खेत की जांच किया जाय तो कही भी चना की खेती नहीं किया गया है। वही दर्जनों किसानों के  पर ओटीपी भी आया। वही दुकान पर जाने पर दुकानदार द्वारा ओटीपी जेनरेट नही होने व थॉमस लेकर बीज नही दिया। वही उक्त बीज का कृषि विभाग के अधिकारियों के घर दाल व सत्तु बन गया।

 किसानों की माने तो चना बीज वितरण का निष्पक्ष एजेंसी से अरेराज, संग्रामपुर ,पहाडपुर प्रखण्ड के चना बीज वितरण व खेत की धरातल की स्थिति की सूक्ष्म तरीके से जांच कर दिया जाय तो बड़ी खुलासा से इंकार नही किया जा सकता। किसानों ने जिला पदाधिकारी से चना बीज वितरण व किसानों की खेत की जांच कराने की मांग की है। इधर बीएओ हारून रसीद ने बताया कि ओटीपी जेनरेट होने पर ही किसानों को चना बीज वितरण करना था ।चना बीज वितरण व धरातल की स्थिति की जांच कर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी ।

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