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उम्मीदवारों के नाम के ऐलान के बिना ही एनडीए के 6 दिग्गज रेस से हुए बाहर, जानिए किन नेताओं का हुआ पत्ता साफ़

उम्मीदवारों के नाम के ऐलान के बिना ही एनडीए के 6 दिग्गज रेस से हुए बाहर, जानिए किन नेताओं का हुआ पत्ता साफ़

PATNA : बिहार एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है। दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बिहार भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े ने बताया की बिहार में 17 सीटों पर भाजपा, 16 सीटों पर जदयू, 5 सीटों पर लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास), एक सीट पर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और एक सीट पर उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा चुनाव लड़ेगी। इसमें चिराग पासवान की पार्टी लोजपा(रा) को वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई लोकसभा सीटों दी गयी है। जहाँ से 2019 के लोकसभा चुनाव में लोजपा के उम्मीदवार जीते थे। वहीं जेडीयू की बात करें तो पार्टी वाल्मीकि नगर, सीतामढी, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, गोपालगंज, सीवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालन्दा, जहानाबाद और शिवहर सीट से अपने उम्मीदवार उतारेगी।

वहीँ इस बार बिहार की पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजंगज, सारण, उजियारपुर,बेगुसराय, नवादा, पटनासाहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर और सासाराम लोकसभा सीट से बीजेपी अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी।

हालाँकि आज हुए सीटों के बंटवारे में कई दिग्गज नेताओं को अपनी सीट बिना उम्मीदवारों के नाम के ही घोषणा के ही गंवानी पड़ गयी है। इसमें सबसे पहले नाम आता है रमा देवी का। वे शिवहर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीती थी। लेकिन इस बार यह सीट जदयू के खाते में चली गयी है। संभावना जताई जा रही है की यहाँ से पूर्व सांसद लवली आनंद जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं। वहीँ दुसरे सीट की बात करें तो काराकाट की सीट अभी जदयू के पास थी, जहाँ से महाबली सिंह सांसद हैं। 

लेकिन इस बार यह सीट उपेन्द्र कुशवाहा को दे दी गयी। वहीँ गया में विजय मांझी जदयू की टिकट पर चुनाव जीते हैं। लेकिन इस बार यह सीट हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के खाते में चली गयी है, जहाँ से खुद जीतनराम मांझी चुनाव लड़ सकते हैं। वहीँ बात नवादा की करें तो यहाँ से सूरजभान सिंह के भाई चन्दन सिंह सांसद हैं, जो लोजपा से चुनाव जीते थे। लेकिन इस बार यह सीट भाजपा के खाते में चली हैं। जबकि समस्तीपुर की बात करें तो यहाँ से प्रिंस राज चुनाव जीते हैं, जो अब चिराग की पार्टी को मिल गयी है। वहीँ चिराग के चाचा पशुपति पारस का पत्ता भी साफ़ हो गया है, जो हाजीपुर से चुनाव जीते थे। 



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