पटना को स्मार्ट बनाने पर खर्च हो रहा है 930 करोड़ रुपए, सुविधा सम्पन्न और सुंदरता निखारने के लिए इन क्षेत्रों में हो रहा काम

पटना. स्मार्ट सिटी योजना के तहत पटना की सूरत संवारने के लिए कई योजनाओं पर काम हो रहा है. शहर की सुंदरता बढ़ाने के लिए और स्वच्छ एवं सुविधा सम्पन्न पटना बनाने के लिए स्मार्ट सिटी योजना के तहत 930 करोड़ रुपए की योजनाओं पर काम हो रहा है. पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड यानी पीएससीएल के सीइओ मोहम्मद शमशाद शनिवार को बताया कि केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी मिशन योजना के 7 साल पूरे हो गए हैं. वहीं पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के पांच साल पूरे होने वाले हैं. 

उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में पीएससीएल की कई योजनाएं पूरी हुई है. हालांकि कोरोना की वजह से इसकी रफ्तार थोड़ी धीमी रही है. मोहम्मद शमशाद ने बताया कि, केंद्र हो या राज्य सरकार दोनों की तरफ से योजनाओं के लिए पूरा फंड मिला है. उन्होंने कहा कि पीएससीएल को 930 करोड़ की योजनाएं पूरी करनी है. अब तक 52 करोड़ 5 लाख की लागत से 5 योजना पूरी हुई है. कुल 30 योजनाओं पर काम होना है और इस पर अनुमानित खर्च 930 करोड़ रूपए हैं.

उन्होंने कहा कि फिलहाल 342.19 करोड़ की लागत से 15 योजनाओं पर काम चल रहा है. 521.54 करोड़ की लागत से 10 योजनाएं टेंडर और स्वीकृति की स्थिति में हैं. पीपीपी यानि पब्लिक प्राइवेट प्रोजेक्ट के तहत 800 करोड़ रूपए खर्च करके कुछ और योजनाएं शुरू करनी है. 

उन्होंने बताया कि 28 जगहों पर जनसेवा केंद्र बनाने की योजना है और इस पर 17.50 करोड़ रूपए का बजट है. इनमें 9 जनसेवा केंद्र चालू हो चुके हैं. सरकारी इमारतों की छतों पर 3 करोड़ 80 लाख की लागत से सोलर प्लेट लगाए जाने हैं. मंदिरी नाला पर 67 करोड़ 11 लाख रूपए खर्च होंगे. फिलहाल इस योजना पर काम चल रहा है. वहीं पटना को स्वच्छ बनाए रखने के लिए ई टॉयलेट पर 4 करोड़ 34 लाख खर्च होने हैं. 

शहर में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के निर्माण पर 221.49 करोड़ खर्च होंगे. योजना का एक हिस्सा पूरा हो चुका है. पीएससीएल की कुछ योजनाएं बुडको के जरिए भी पूरी होंगी. इसमेंआनंदपुरी, नाला, बाकड़गंज नाला, सर्पेंटाइन नाला भी है.