Patna: भारतमाला योजना के तहत बिहार का पहला एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। 80 फ़ीसदी ग्रीन फील्ड वाला यह एक्सप्रेसवे मगध क्षेत्र के औरंगाबाद से मिथिला के जयनगर तक बनाया जाएगा।यह एक्सप्रेस वे उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ेगा। पथ निर्माण के प्रमुख सचिव अमृतलाल मीणा ने कहा है कि औरंगाबाद जयनगर सड़क बिहार के लिए काफी उपयोगी होगा, अधिसूचना की कॉपी मिलते हैं जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
मगध प्रमंडल के औरंगाबाद से उत्तर बिहार के नेपाल सीमा पर स्थित जयनगर तक 271 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे को भारतीय राष्ट्र राजमार्ग प्राधिकरण की भू अर्जन समिति ने भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। जैसे ही अधिसूचना जारी होगी उसके बाद भूमि अधिग्रहण का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इसे नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाएगा। आने वाले दिनों में इसका टेंडर कर जल्द ही निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.
प्रदेश के 6 जिलों से क्रॉस करेगी सड़क
मगध के औरंगाबाद से उत्तर बिहार के जयनगर तक बनने वाली यह सड़क पटना सहित बिहार के 6 जिलों से होकर गुजरेगी। इस एक्सप्रेस वे का सीधा संपर्क पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्ट से होगा। इतना ही नहीं जीटी रोड से भी यह जुड़ा रहेगा ।तकनीकी तौर पर यह बताया गया है कि जमीन की उपलब्धता को देखते हुए व ट्रैफिक घनत्व के अनुसार इस सड़क का एलाइनमेंट तय किया गया है।
मगध कमिश्नरी के औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड से शुरू होने वाली यह सड़क गया एयरपोर्ट के बगल से होते हुए जीटी रोड के साथ भी जुड़ी रहेगी। गया से जहानाबाद ,नालंदा के बगल से होते हुए पटना के कच्ची दरगाह आएगी। पटना में बिदुपुर में सिक्स लेन गंगा ब्रिज को क्रॉस करते हुए चकसिकन्दरपुर, महुआ होते हुए ताजपुर से दरभंगा एयरपोर्ट होते हुए नेपाल के बॉर्डर स्थित जयनगर पहुंचेगी जय एक्सप्रेस वे 80 फ़ीसदी ग्रीन फील्ड होगा। ग्रीन फील्ड का मतलब होता है कि इस कॉरिडोर में 80 फ़ीसदी नई सड़क का निर्माण किया जाएगा।