SITAMARHI : सदर अस्पताल सीतामढ़ी में आए मरीजों ने डिजिटल पर्ची कटने को लेकर जमकर हंगामा एवं विरोध किया। बता दे की स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर सदर अस्पताल में आभा एप के जरिए मरीजों का इलाज किया जा रहा है जो की पूर्णतः फेल साबित हो रही है। बिना मोबाइल के पर्ची नहीं काटने पर मरीज के परिजन एवं इलाज कराने आए मरीज आक्रोशित होकर हंगामा करने लगे। जिसका खामियाजा काउंटर पर उपस्थित पर्ची काट रहे कर्मियों को झेलना पड़ा। बिना मोबाइल के आए लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है। जिसको लेकर लोग अस्पताल प्रबंधन के साथ सरकार को कोसते नजर आ रहे है।
लोगों का कहना है की गरीब तबके के लोगों के पास मोबाइल नहीं है तो क्या उनका इलाज नहीं होगा? ऐसे में मरीज व उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही है। वही पर्ची काट रहे कर्मी अभय कुमार का कहना है कि आभा की मदद से पर्ची कटने का कार्य हो रहा है जिसमे बहुत से लोग छोटा मोबाइल लेकर आते है। वही कुछ के पास मोबाइल है तो फिर स्कैन नही कर पा रहे है जिसके वजह से बारकोड स्कैन नहीं हो पा रहा है। कुछ लोग बारकोड स्कैन करने के बावजूद सही से डीटेल्स नही भर पाते है। जिसके वजह से उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ जाता है। सैकड़ो की संख्या में आए महिला व पुरुष मरीज इलाज के लिए अपने-अपने परिजनों के साथ पहुंच रहे है। लेकिन मोबाइल न होने के कारण उनका इलाज नहीं हो पा रहा है।
लोगो का कहना है की 4- 5 घंटे से लाइन में खड़े होने के बाद पर्ची नहीं कट पाता है। अगर मोबाइल खरीदने के लिए पैसा होता तो निजी हॉस्पिटल में ही इलाज करा लेते। जिसको लेकर बुधवार को दर्जनों की संख्या में महिलाएं हंगामा करने लगी और सरकार को कोसते हुए बोली के काफी दूर से इलाज कराने आए है और उनके पास बड़ा मोबाइल नहीं है। ऐसे में इलाज कैसे होगा समस्या बनी हुई है। गंभीर बीमारी से ग्रसित महिला का कहना था कि जब तक मोबाइल खरीद कर लायेंगे, तब तक हमारे परिजन की मृत्यु भी हो जाएगी।
अपना पैर का इलाज कराने आए अभय कुमार ने बताया कि उनके पास बड़ा मोबाइल भी है और उन्होंने बारकोड स्कैन भी किया है। सारा फॉर्म भरने के बावजूद उनका नंबर अभी तक नहीं आया है। काउंटर पर पूछे जाने पर कहा गया की फाइनल सबमिट में गड़बड़ी है, टाइम लगेगा। पिछले 4 घंटे से खड़े हैं। बावजूद अब तक उनका नंबर नहीं आया है। बता दे की सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों को आभा एप से जोडऩे की प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी। मामले को इलाज कर रहे चिकित्सक नीलाभ कुमार ने बताया की एप की खासियत यह है की इस पर एक बार मरीजों का रजिस्ट्रेशन हो जाता है। उसके बाद मरीज की पूरी जानकारी एप पर मौजूद रहती है। दोबारा मरीज कही भी कोई भी अस्पताल जाएगा तो पहले कौन सी बीमारी थी और क्या इलाज चला कौन दवा दिया गया। यह सब एप पर मौजूद रहता है। साथ ही अस्पताल में विभिन्न बीमारियों की जांच रिपोर्ट भी ऑनलाइन मिलेगा। इसके लिए मरीज को पैथोलॉजी जाने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही पर्चा बनवाने के लिए लाइन में भी नहीं लगना पड़ेगा। क्यूआर कोड के माध्यम से तुरंत ही पर्चा बन जाती है।
सीतामढ़ी से अविनाश की रिपोर्ट