PATNA: आरसीपी सिंह ने JDU पार्टी की कमान संभालते ही एक्शन में आ गए हैं। विस चुनाव में भीतरघात करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को हरी झंडी दे दी है। बिहार विधानसभा चुनाव में जिले में जदयू की हार के पीछे भीतरधातियों का ही हाथ था। अभी तक यह कयासबाजियों में ही चल रहा था। अब यह बात दल की समीक्षा रिपोर्ट में सामने आ गई है। जिसमें कई रोचक जानकारियां सामने आई हैं। कहा गया कि दल के कई नेता और कार्यकर्ताओं ने साथ रहकर किसी दूसरे दल के प्रत्याशी या निर्दलिय के साथ दिए। जिसका खामियाजा परिणाम के रूप में देखने को मिला। बूथ स्तर पर संगठन रहने के बावजूद जदयू को चार सीटों में केवल एक ही सीट पर सफलता मिली। पार्टी की ओर से चुनाव के बाद लगातार मंथन व बैठक के बाद अब भीतरधातियों पर एक्शन लेने का क्रम आरंभ हो गया है। पहले चरण में पांच प्रखंड कमेटियों को भंग कर दिया गया है। जिनको निरस्त किया गया है उनमें सकरा, मुरौल, गायघाट ,कांटी और मीनापुर शामिल हैं। वहां की प्रखंड से लेकर बूथ तक की सारी इकाइयों को भंग कर दिया गया है।
जिलाध्यक्ष रंजीत सहनी ने स्वीकार किया कि हार के पीछे भीतरधाती सबसे बड़ा कारण बने। विधानसभा चुनाव को लेकर बूथ से पंचायत स्तर तक समीक्षा की गई है। इसके बाद मिले तथ्यों के आधार पर यह अनुशासनात्मक कदम उठाया गया है। समीक्षा के लिए चुनाव के बाद गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। उसके बाद जिला सगंठन प्रभारी अशरफ अंसारी के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है। अध्यक्ष रंजीत सहनी ने कहा कि दल में रहकर साथ नहीं देना एक गंभीर मामला है। खाया कहीं का और गाया कहीं का। यह स्थिति बहुत ही खतरनाक है।
दल में रहकर उसके खिलाफ काम करने वाले को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। संगठन के खिलाफ काम करने वाले की पहचान के लिए अनुशासन समिति का गठन किया गया था। उसकी रिपोर्ट के आाधर पर अभी कार्रवाई हुई है। आगे भी कार्रवाई की जाएगी। जिले मेंं एनडीए की सीटाेें में बढ़त है। चुनाव के बाद हर स्तर पर उसकी समीक्षा जारी है। आने वाले चुनाव में इस तरह की हालत नहीं बने, इसके लिए पार्टी की ओर से कठोर निर्णय लिया जा रहा है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता कुमारेश्वर ने बताया कि शीघ्र ही जिला संगठन प्रभारी, क्षेत्रीय प्रभारी एवं जिला के वरिष्ठ नेताओं के विचार विमर्श कर नई कमेटी का गठन किया जाएगा।
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट ...