PATNA : आदि चित्रगुप्त फाइनेंस लिमिटेड की ओर से "डॉक्टर्स फॉर यू (DFY)", एनबीएफसी-एमएफआई संगठनों के Self Regulatory Organization (SRO), "माइक्रो-फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क (MFIN)" के सहयोग से मंगलवार को बख्तियारपुर में बाढ़ के बाद जलजनित बीमारियों के संभावित खतरे वाले परिवारों को चिकित्सा सेवाएं देने के लिए एक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। एसीएफएल ने अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) गतिविधि के रूप में मुफ्त स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। आदि चित्रगुप्त फाइनेंस लिमिटेड हमेशा अपने ग्राहकों की जीवन शैली को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है, ना सिर्फ व्यवसाय के लिए ऋण प्रदान करके बल्कि वित्तीय साक्षरता और स्वच्छता पर शिक्षा जैसे अन्य कार्यक्रमों के द्वारा भी और जरूरत के समय उनके माथ खड़ा रहा है।
ACFL के तहत एक प्रतिष्ठित एनजीओ, "डॉक्टर्स फॉर यू" के डॉक्टरों की एक टीम (जिसमें डॉक्टर, पैरामेडिक और सपोर्ट स्टाफ शामिल थें) ने बिहार के पटना जिले के बख्तियारपुर क्षेत्र में बाढ़ से प्रभावित बच्चों, महिलाओं और समुदायों को तत्काल चिकित्सा राहत प्रदान करने का प्रयास किया। लालो कुंवर उच्च विद्यालय, सबनीमा, बख्तियारपुर में प्रातः 09:00 बजे से संध्या 05:00 बजे के तक मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया और सार्वजनिक स्वास्थ्य की बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए समर्पित शिविर में 100 से अधिक लोगों की जांच की गई। लोगों को नि:शुल्क दवाएं बांटी गईं और उन्हें अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने तथा समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच कराने की सलाह दी गई। उन्हें विशेष रूप से बरसात के मौसम में खाने और पीने के पानी पर ध्यान देने की सलाह दी गई। शिविर, जिसमें परामर्श, जांच और मुफ्त दवाओं की सुविधाएं शामिल थीं, में सभी आयु वर्ग के लोगों ने बड़ी संख्या ने भाग लिया।
ACFL बिहार में RBI के द्वारा मान्यता प्राप्त एकमात्र NBFC-MFI है, जो विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की वंचित स्व-नियोजित महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करता है, और उनकी आर्थिक स्थिति में उनके ऊर्ध्व गति को सुगम बनाता और इस प्रक्रिया में उनके परिवारों के जीवन स्तर में सुधार करता है। इससे उन्हें न केवल अपने परिवार में बल्कि समाज में भी बड़े पैमाने पर सम्मान प्राप्त करने में मदद मिलती है।
ज्ञान मोहन, ACFL के निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ ही MFIN के गवर्निंग बोर्ड के निदेशक भी हैं, ने कहा, "बिहार भारत का सबसे अधिक बाढ़ प्रवण राज्य है, जहां उत्तर बिहार की 76 प्रतिशत आबादी और दक्षिण बिहार में गंगा नदी के किनारे बसे गांव, बाढ़ की तबाही के आवर्ती खतरे के तहत जी रहे हैं। इससे राज्य के 14 जिलों के 30 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। बाढ़ का पानी उनके घरों में घुसने के बाद कई लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। WHO के अनुसार बाढ़ के दौरान विशेष रूप से ध्यान देने योग्य छह स्वास्थ्य समस्याएं जिसमें, टाइफाइड बुखार, हैजा, हेपेटाइटिस ए, मलेरिया, डेंगू बुखार और हाइपोथर्मिया शामिल है। अपर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं के कारण ग्रामीण भारत अभी भी स्वास्थ्य देखभाल संकट का सामना कर रहा है। बख्तियारपुर और उसके आसपास अपने ग्राहकों, उनके परिवारों और समुदायों की स्वास्थ्य-सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।"