JAMUI: भीषण गर्मी का प्रकोप जमुई जिले में चरम पर है। गर्मी का पारा 42 डिग्री से ऊपर है और ऐसी स्तिथि में सरकारी विद्यालय नियमित रूप से संचालित है। बच्चों के बेहोश होने के कई मामले राज्य के विभिन्न जिलों से आ रही है। लेकिन शिक्षा विभाग के कानों में जू तक नही रेंग रही है। ताजा मामला जमुई जिले के नर्बदा उत्क्रमित मध्य विद्यालय से सामने आ रही है।
जहां आज सुबह एक बच्ची आरती कुमारी गर्मी से बेचैन होकर बेहोश हो गई। आनन फानन में स्कूल के शिक्षकों ने बच्ची को क्लास रूम में बेंच पर सुलाया। बच्चे के अभिभावक को तत्काल इसकी सूचना भेजी गई। जिसके बाद अभिभावक बच्चे को अपने साथ ले गए। ऐसा वाक्या जिले में पहली बार नहीं हो रही है। लगातार ऐसी सूचनाएं मिलती रहती है।
अब बड़ा सवाल यह है कि अगर ऐसी गर्मी में किसी बच्चे को कुछ हो जाता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। एक ओर शिक्षा विभाग और राज्यपाल का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं विश्वविद्यालय कर्मी आर्थिक तंगी में जीने को विवश है। स्कूल के शिक्षक कैमरे के सामने कुछ भी कहने से भागते है लेकिन उनका दर्द जग जाहिर है। दबी जुबान से शिक्षक कहते है, पापी पेट का सवाल है क्या करे। आखिर कब तक इस भीषण गर्मी का दंश बच्चे झेलते रहेंगे। कम से कम बच्चो पर तो केके पाठक को रहम करना चाहिए।
जमुई से सुमित सिंह की रिपोर्ट