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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रीराम की दूसरी मूर्ति की तस्वीरें आई सामने, इस जगह किया जाएगा स्थापित

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रीराम की दूसरी मूर्ति की तस्वीरें आई सामने, इस जगह किया जाएगा स्थापित

AYODHYA : अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के बाद अब उनकी दूसरी प्रतिमा की तस्वीर भी सामने आ गई है, जिसे मंदिर में स्थापित करने के लिए तैयार किया गया था। हालांकि मंदिर के गर्भगृह में सत्य नारायण पांडेय के द्वारा तैयार की गई इस प्रतिमा की जगह अरुण योगिराज द्वारा तैयार इसलिए श्यामल रंग की ही श्रीराम की मूर्ति को स्थान दिया गया है।

दूसरी मूर्ति की सामने आई तस्वीर में दिख रहा है कि वह श्वेत वर्ण की है. इसमें भगवान राम के चरणों में हनुमान जी भी विराजित हैं, वहीं, भगवान विष्णु के अवतारों को चारों तरफ बनाया गया है. इसमें भगवान विष्णु के 10 अवतार 1-मत्स्य, 2- कूर्म, 3- वराह, 4- नरसिंह, 5-वामन, 6- परशुराम, 7- राम, 8- कृष्ण, 9- बुद्ध और 10वां कल्कि अवतार की आकृतियां भी बनाई गई हैं.

बता दें राम मंदिर के लिए तीन मूर्तियां तैयार की गई थी। जिनमें एक प्रतिमा को स्थापित किया गया। ऐसे में शेष दो प्रतिमाओं का क्या होगा, इसको लेकर बताया जा रहा है कि इसे मंदिर के पहले तल पर स्थापित किया जा सकता है। वहीं, तीसरे विग्रह के बारे में प्रतीक्षा की जा रही है. इसे कर्नाटक के गणेश भट्ट ने बनाया है. हालांकि, तीसरी मूर्ति भी तैयार है, लेकिन अभी उसकी तस्वीर सार्वजनिक नहीं की गई है. बताया जा रहा है कि उसे भी राम मंदिर में ही स्थापित किया जाएगा।

इस कारण से योगिराज की प्रतिमा का किया गया चयन

शास्त्रों में वर्णन है निलांबुजम श्यामम कोमलांगम... इसलिए श्यामल रंग की ही श्रीराम की मूर्ति को गर्भ गृह में स्थान दिया गया है। इसके अलावा दूसरा कारण प्रतिमा के लंबे समय तक खूबसूरती और चमक बने रहना भी है। बताया गया कि इस तरह की प्रतिमाएं ज्यादातर दक्षिण के राज्यों में बनती है। जो नदियों की तलहटी में पाया जाने वाला शालीग्राम एक प्रकार का जीवाश्म पत्थर होती है. श्याम शिला की आयु हजारों साल होती है. ये जल रोधी होता है. इसी कारण से चंदन-रोली लगाने के बाद भी मूर्ति की चमक सालों साल प्रभावित नहीं होती है

प्रतिमा की ऊंचाई 51 इंच रखने का यह है कारण

राम मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित प्रतिमा की ऊंचाई 51 इंच बहुत सोच समझकर रखी गई है. अमूमन भारत में 5 साल के बच्चे की लंबाई 51 इंच के आस-पास होती है. साथ ही 51 शुभ अंक माना जाता है. यही वजह है कि र्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति का आकार भी 51 इंच रखा गया है. गर्भ गृह में स्थापित मूर्ति का निर्माण शालीग्राम पत्थर को तराशकर हुआ है


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