कर्नाटक में मिली जीत तो कांग्रेस के बदल गए सुर, सीएम नीतीश के विपक्षी एकता के मंसूबों पर फिर सकता है पानी

कर्नाटक में मिली जीत तो कांग्रेस के बदल गए सुर, सीएम नीतीश के विपक्षी एकता के मंसूबों पर फिर सकता है पानी

पटना. कर्नाटक में कांग्रेस सत्ता के जादुई आंकड़े को छूने में सफल हो गई है. इसके साथ ही कांग्रेस ने अब वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भी अपने मंसूबे साफ करने शुरू कर दिए है. इससे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा झटका लग सकता है. नीतीश जिस विपक्षी एकता को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं उसमें अब कांग्रेस नेता सिद्दरामैया के बयान से बड़े संकेत मिलने लगे हैं. सिद्दरामैया ने कहा कि इस चुनाव का परिणाम लोकसभा चुनाव की एक सीढ़ी है. मुझे उम्मीद है कि सभी गैर-बीजेपी दल एक साथ आएंगे और देखेंगे कि बीजेपी हार गई है और मुझे यह भी उम्मीद है कि राहुल गांधी देश के पीएम बन सकते हैं.

सिद्दरामैया ने सभी गैर-भाजपाई दलों को एक साथ आने की अपील जरुर की है. लेकिन, प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में राहुल गांधी का नाम लेकर उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में आई तो राहुल ही पीएम के चेहरे होंगे. नीतीश कुमार अब तक जिन विपक्षी नेताओं से मिले थे, हर बार वे यही कहे कि पीएम का चेहरा कौन होगा इस पर बाद में निर्णय होगा. 

सिद्दरामैया ने कहा कि लोग भाजपा सरकार से तंग आ गए थे. कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने कैंपेन के दौरान भी कहा था कि कांग्रेस को लगभग 130 सीटें मिलेंगी. यह एक बड़ी जीत है. कर्नाटक के लोग बदलाव चाहते थे. वे भाजपा सरकार से तंग आ चुके थे. इसी तरह केंद्र सरकार के खिलाफ भी उन्होंने हमलावर रुख अपनाया. 

न सिर्फ सिद्दरामैया बल्कि कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पीएम मोदी जी ने तानाशाही कर भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने पर राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी थी. आज उसी भ्रष्टाचार के चलते कर्नाटक की जनता ने उन्हें राज्य से निकाल दिया. इससे साबित हो गया है सत्ताधारी नहीं आम जनता तय करती है कि सत्ता किसके हाथ में जाए. दरअसल, कांग्रेस द्वारा बार बार राहुल गांधी को पीएम का फेस बताने से नीतीश के विपक्षी एकता के मंसूबे को झटका लग सकता है. संभव है कि कांग्रेस के इस कदम से कई दल अब साथ आने से कतराने लगे. ऐसे में नीतीश जिस प्रयास को लेकर संघर्षरत हैं उसमें उन्हें अचानक से नई चुनौती झेलनी पड़े. 


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