DESK : ओलंपिक में स्वर्ण पदक की रेस से बाहर होने के बाद भारतीय हॉकी टीम ने शानदार वापसी की है। आज भारत ने स्पेन को हराकर कांस्क पदक जीत लिया है। यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि यह लगातार दूसरा ओलंपिक है, जब भारतीय हॉकी टीम पदक जीतने में कामयाबी हासिल की है। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में भी भारतीय टीम कांस्य पदक जीता था।
आज खेले गए मैच में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्पेन को 2-1 से हराते हुए यह पक्का कर दिया कि पेरिस ओलंपिक से भारतीय हॉकी टीम खाली हाथ नहीं लौटेगी। मैच में भारत की तरफ से दोनों गोल कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने किए। वे 10 गोल के साथ टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर भी हैं।
गोलकीपर श्रीजेश का आखिरी मैच
ओलिंपिक का यह ब्रॉन्ज मेडल मैच गोलकीपर श्रीजेश का आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला था। उन्होंने ओलिंपिक से पहले ही अपने संन्यास का ऐलान कर दिया था। श्रीजेश ने ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 11 पेनल्टी कॉर्नर सेव किए थे। यह मैच पेनल्टी शूटआऊट में गया था, इसमें भी उन्होंने 2 शानदार सेव किए थे।
52 साल बाद लगातार दो ओलंपिक में दो मेडल
. हॉकी में भारत का यह चौथा ब्रॉन्ज मेडल है. इसके अलावा देश ने ओलंपिक इतिहास में सबसे ज्यादा 8 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल भी जीता है. पिछले यानी टोक्यो ओलंपिक में भी भारत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इसके साथ ही भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में 52 साल बाद एक इतिहास रच दिया है। 1972 के बाद भारत ने हॉकी में लगातार 2 मेडल जीते हैं. 1968 और 1972 में भी भारत ने लगातार 2 ब्रॉन्ज ही जीते थे.