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डीएमसीएच में शिशु वार्ड के सभी बेड फुल, एक बेड पर तीन बच्चों और गोद में लिटा कर हो रहा बच्चों का इलाज

डीएमसीएच में शिशु वार्ड के सभी बेड फुल, एक बेड पर तीन बच्चों और गोद में लिटा कर हो रहा बच्चों का इलाज

DARBHANGA :  बिहार में फिलहाल वायरल फीवर और फ्लू की लहर चल रही है। इसमें बड़ी संख्या में बच्चे बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसके अलावा विशेषज्ञों ने सितंबर-अक्टूबर के दौरान कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी दी है इसमें बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होगा। इसको लेकर पहले से ही बिहार में बेहतर चिकित्सा इंतजाम किए जाने की सलाह दी गई थी ताकि दूसरी लहर की तरह मौत का वीभत्स रूप न देखने को मिले। इसके बावजूद उत्तर बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डीएमसीएच में शिशु रोग विभाग और एनआईसीयू में बेड पूरी तरह से फुल हैं। स्थिति इतनी खराब है कि एक बेड पर तीन-तीन चार-चार बच्चों  को रख कर इलाज किया जा रहा है। बेड न मिलने की स्थिति में कई परिजन अपने बीमार बच्चों को जमीन पर लिटा कर उनका इलाज करा रहे हैं। इसकी वजह से लोग डरे सहमे हैं।


वायरल बुखार से बीमार एक बच्चे का इलाज कराने आए मोहम्मद सलाउद्दीन ने कहा कि 2 दिनों तक बेड के इंतजार में वे अपने बच्चे को जमीन पर लिटा कर इलाज कराते रहे। उसके बाद जब बेड मिला भी तो उसे तीन-चार बच्चों को शेयर कर दिया गया। उन्होंने सवाल खड़े किए कि जिस तरह से कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है ऐसे में अगर एक बेड पर 3-3,  4-4 बच्चों का इलाज होगा तो कोरोना कितना जानलेवा बन जाएगा। उन्होंने सरकार से डीएमसीएच की व्यवस्था सुधारने की गुजारिश की।

वहीं, खराब स्थिति को स्वीकार करते हुए शिशु रोग विभाग की मेडिकल ऑफिसर डॉ. सपा करो ने कहा कि अस्पताल में बेड पूरी तरह से फुल हैं और मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि वायरल फीवर और फ्लू की वजह से बच्चे बड़ी संख्या में अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, लेकिन अस्पताल में बेड की कमी है। उन्होंने कहा कि ऐसे में बच्चों का इलाज करने में परेशानी हो रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि अपनी तरफ से डॉक्टर जितना बेहतर इलाज कर सकते हैं वे जरूर कर रहे हैं।

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