पटना. एक गांव की कहावत है कि रोने का मन हुआ तो आंख में गड़ा खुटी... बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी यही हाल है. इनको आदमी तो बनारस में जुटता नहीं है इसलिए रैली को रद्द कर दिए. इनकी स्थिति उसी तरह कि है घोड़ा के साथ-साथ बेंग (मेढ़क) के पैर में नाल ठोकना हो. सीएम नीतीश की बनारस रैली रद्द होने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को ये बातें कहीं. दरअसल, नीतीश कुमार की 24 दिसम्बर को वाराणसी में रैली प्रस्तावित थी. लेकिन जदयू ने आरोप लगाया कि यूपी की भाजपा सरकार के दबाव में कॉलेज प्रशासन ने उन्हें जगह नहीं दी. इसी करण वे रैली रद्द किए हैं. अब गिरिराज ने जदयू के दावों को हास्यास्पद बताते हुए नीतीश कुमार पर घोड़ा के साथ-साथ बेंग (मेढ़क) के पैर में नाल ठोकना चरितार्थ होने की बात कही है.
वहीं बिहार में अडानी समूह के निवेश प्रस्तावों पर गिरिराज ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और इंडी गठबंधन का बचकाना हरकत है कि वे अडानी पर आरोप लगाते हैं. राजस्थान में जब अशोक गहलोत की सरकार थी तब अडानी ने वहां 60 हजार करोड़ का इन्वेस्ट किया. छत्तीसगढ़ में बघेल सरकार थी तो 50 हजार करोड़ रुपए से ऊपर का इन्वेस्ट हुआ. यह इन्वेस्टमेंट ले रहे हैं वहां अडानी नहीं दिख रहा है जब अडानी को गाली देना तो पीएम मोदी पर निशाना साधते हैं. पीएम मोदी के खिलाफ में उनके पास कुछ नहीं है, इसलिए मोदी के खिलाफ में नए-नए टूल किट लाते हैं ताकी उन्हें बदनाम किया जा सके.
19 दिसम्बर को इंडिया गठबंधन की बैठक पर उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग और भ्रष्टाचार को बचाने के लिए यह बैठक की जा रही है. बैठक में उनके आपस के शेयर तय करना है किसको कितना हिस्सा मिलेगा. वह हिस्सेदारी के लिए बैठक है. देश के लिए बैठक नहीं है. आईडियोलॉजी के लिए बैठक नहीं है. जो लोग आज भ्रष्टाचार में फंसे हैं उसको बचाने के लिए अपना-अपना शेयर के लिए बैठक कर रहे हैं.
वहीं संसद भवन में हुई घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा जांच करने की बात कहे जाने के बाद भी विपक्ष हमलावर है जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि परदा खुलेगा तब सामने आ जाएगा. किसान आंदोलन हुआ टूल किट का पर्दाफास हुआ. आगे भी नए टूलकिट अपनाये रहे हैं जिसका भी पर्दाफाश हो जाएगा.