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आंगनबाड़ी सेविकाओं ने सांसद का किया घेराव, माननीय बोले- आप हमारे मां-बहन की तरह, बता के आते तो नाश्ते का भी करता इंतजाम

आंगनबाड़ी सेविकाओं ने सांसद का किया घेराव, माननीय बोले- आप हमारे मां-बहन की तरह, बता के आते तो नाश्ते का भी करता इंतजाम

AURANGABAD :  माताओं और बच्चों का पोषण करनेवाली भारत सरकार की अति महत्वाकांक्षी समेत बाल विकास परियोजना(आइसीडीएस) के तहत बिहार के औरंगाबाद में कार्यरत हजारों आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं ने शनिवार को यहां  अचानक से सिंह कोठी को घेर लिया। स्थानीय बीजेपी सांसद सुशील सिंह कोठी के अंदर ही थे। 

संसद में रखेंगे मांग, दिया भरोसा

अपने घर को घेरे जाने की सूचना मिलते ही उन्होने कोठी का मेन गेट खुलवाया। गेट खुलते ही आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं का समूह सांसद आवास परिसर में प्रवेश कर गया। उनके परिसर में प्रवेश करते ही सांसद भीड़ से घिर गए। इसके बाद सांसद की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से वार्ता शुरु हुई। सांसद ने आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति की नेत्रियों ने अपनी पांच सूत्री मांगें सांसद के समक्ष रखी। सांसद ने मांगों को सुनने के बाद सभी मांगों को जायज करार दिया। कहा कि मांगों की पूर्ति के लिए वें बिहार सरकार को पत्र लिखेंगे। साथ ही लोकसभा के आनेवाले सत्र में उनकी मांगों को भी सदन में रेखेंगे।  

ये है पांच सूत्री मांगें-

सांसद के समक्ष अपनी पांच सूत्री मांगों को रखते हुए आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के महासचिव रंजीत कुमार सिंह एवं जिला मंत्री मीना कुमारी सिंहा ने कहा कि संघर्ष समिति के आह्वान पर राज्य भर की सेविका-सहायिकाएं अपनी मांगों को लेकर पिछले 29 सितम्बर से अनवरत अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। हड़ताल का आज 36वां दिन है। इसके बावजूद सरकार हमारी नही सुन रही है। इसी वजह से वें अपने संगठन के तय कार्यक्रम के तहत सांसद को अपना मांग पत्र देने आए है। सांसद से आग्रह है कि हमारी मांगों के प्रति व्यक्तिगत स्तर से पहल कर इसे मनवाने का काम करे। 

सेविका-सहायिकाओं की मांगों में-बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि 10,000 रुपये प्रतिमाह सुनिश्चित करने, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में गुजरात की भांति बिहार में भी ग्रेच्यूटी का भुगतान करना सुनिश्चित करने, केन्द्र सरकार के स्तर द्वारा सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए क्रमशः ग्रेड-सी और डी में समायोजित करने, जबतक सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं हो जाता है, तबतक सेविकाओं को 25,000 रुपये और सहायिकाओं को 18,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देने, योग्य सहायिका से सेविका में बहाली हेतु अतिरिक्त 10 बोनस अंक देने देने के प्रावधान को लागू करने, सेविका से सुपरवाईजर में प्रोन्नति तथा सेविका-सहायिओं के सभी रिक्त पदों पर अविलम्ब बहाली सुनिश्चित करने,  16 मई 2017 एवं 20 जुलाई 2022 के समझौते के आलोक में लंबित मांगों को पूरा करने की मांग शामिल है।

सांसद का मिला समर्थन

सांसद ने किया मांगों का समर्थन, कहा-बिहार सरकार को लिखेंगे पत्र, लोकसभा में उठाएंगे सवाल-मांगों को सुन सांसद ने सभी मांगों को जायज करार दिया। कहा कि हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय तीन हजार से बढ़ाकर इसका डेढ़ गुणा यानि साढ़े़ चार हजार करने का काम किया। आप गुजरात के तर्ज पर देशभर में ग्रेच्यूटी दिए जाने की मांग कर रही है, वह ग्रेच्यूटी आपको हमारे नेता नरेंद्र मोदी ने ही गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए दिया था। आगे भी आपके हित का नरेंद्र मोदी की सरकार ही ख्याल करेगी। कहा कि राज्य सरकार से संबंधित उनकी मांगों को पूरा करने के लिए वें बिहार सरकार को पत्र लिखेंगे। साथ ही लोकसभा के अगले सत्र में भी सदन में उनकी मांगों को बुलंदी के साथ रखेंगे।

सभी के लिए की नाश्ते की व्यवस्था

सांसद ने धुप में खड़ी व बैठी सभी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं को कराया जलपान-सांसद ने कहा कि आप हमें बिना सूचना दिए बड़ी संख्या में अपना मांग पत्र देने मेरे आवास पर आई है। यदि पहले सूचना दी होती तो आपके लिए बेहतर प्रबंध करके रखता। आप सभी हमारी बहनें है। भाई ने आपके लिए हल्का जलपान का प्रबंध किया है। आप सभी जलपान ग्रहण कर ही मेरे आवास से जाईएंगा। सांसद के आग्रह पर सभी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाएं जलपान ग्रहण कर ही वापस गई। इसके लिए उन्होने सांसद के प्रति कृतज्ञता जाहिर की और जमकर सुशील भईया जिंदाबाद के नारे लगाएं।

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