पटना. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा इतिहास को बदलने की कोशिश की जा रही है. इसलिए जदयू सहित कई अन्य विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार करने का फैसला किया है. जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि आखिर किस वजह से जदयू सहित अन्य विपक्षी दलों ने बहिष्कार का निर्णय लिया है. उन्होंने यहां तक कहा कि केंद्र में जब दूसरी सरकार बनेगी तब नए संसद भवन में दूसरा काम होगा.
दरअसल, 28 मई को नए संसद भवन का उदघाटन होना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे. लेकिन जदयू सहित अन्य दलों का कहना है कि यह संवैधानिक प्रक्रिया के अनुरूप नहीं है. ललन सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इतिहास बदलने की कोशिश कर रही है. नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री से कराना इतिहास बदलना ही है. हम उनके इतिहास बदलने इ भागीदार नहीं बनेंगे. उन्होंने फिर से दोहराया कि नए संसद भवन का उद्घाटन करने के लिए राष्ट्रपति को बुलाया जाता है. प्रधानमंत्री कौन होते हैं इसका उद्घाटन करने वाले?
इस दौरान ललन सिंह ने भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी को भी निशाने पर लिया. मोदी ने कहा था कि संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने वाले विपक्षी दल क्या कभी भी नए संसद भवन में पैर नहीं रखेंगे. इस पर ललन ने कहा कि क्या सुशील मोदी ही पूरे लोकतंत्र का आधारशिला रखेंगे. इसी दौरान उन्होंने कहा कि अगर केंद्र में सरकार बदलती है तो नई सरकार में इस संसद भवन में दूसरा काम होगा.
कांग्रेस, AIUDF, DMK, आम आदमी पार्टी, शिवसेना (UBT), समाजवादी पार्टी, TMC, जदयू, NCP, CPI (M), RJD, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कांफ्रेंस,CPI,झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरल कांग्रेस (Mani), VCK (Vidhuthalai Chirunthaigal Katchi), राष्ट्रीय लोक दल, क्रांतिकारी समाजवादी दल और MDMK ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.
नए संसद भवन को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. इसके निर्माण में करीब 1200 करोड़ रुपए की लागत आई है। नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को इसका शिलान्यास किया था.