ARA: बिहार की सरकार या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहे लाख दावा कर लें कि बिहार में स्वास्थ्य विभाग को दुरुस्त कर लिया गया है. सभी सदर अस्पताल समेत अनुमंडलीय अस्पताल और पीएचसी में मरीजों का इलाज समुचित रूप से हो रहा है लेकिन ये तस्वीर बिहार सरकार की हकीकत बयां कर रही है.
सरकार के मुताबिक बिहार में मरीजों को सभी सुविधाये प्रदान की की जा रही है लेकिन इस तस्वीर को देखने के बाद शायद इन सब बातों से आपका विश्वास अगर उठ जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी. ये तस्वीर पूरे भारत का आठवां और बिहार का पहला आईएसओ प्रमाण पत्र प्राप्त सदर अस्पताल आरा का है. जहां मरीजों को स्ट्रेचर नसीब नहीं हो पाता है. आरा नगर थाना क्षेत्र के शीतल टोला के रहने वाले एक व्यक्ति को इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल में लाया गया जहां इमरजेंसी वार्ड में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई और हद तो तब हो गई जब उसके परिजनों को शव को ले जाने के लिए स्ट्रेचर भी नसीब नहीं हो पाया.
अब देखने वाली बात यह है कि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन दोषी लोगों पर कार्रवाई करती है या फिर पूरे मामले में लीपापोती करके इसको खत्म कर दिया जाता है.