CM Arvind Kejriwal. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। उन्हें 10 लाख के मुचलके पर जमानत दी गई है. साथ ही दो सदस्यीय खंडपीठ ने आम आदमी पार्टी के नेता को जमानत देते हुए कई प्रकार की शर्तें भी रखी हैं। इसमें जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल को कई प्रकार के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। जमानत में कई प्रकार की शर्तों का जिक्र किया गया है जिसका पालन करना अरविंद केजरीवाल के लिए जरूरी है। इस प्रकार पूरे 156 दिनों के बाद जेल से बाहर आने का अरविंद केजरीवाल का रास्ता साफ हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्त में अरविंद केजरीवाल फिलहाल सीएम ऑफिस नहीं जा पाएंगे। दिल्ली के सीएम राज्य से संबंधित किसी भी सरकारी कागजों पर साइन नहीं कर सकेंगे। किसी भी तरह से जांच प्रक्रिया में बाधा नहीं डाल पाएंगे या गवाहों से कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे। जरूरत के समय उन्हें ट्रायल कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया जाएगा, जिसके मुताबिक, उन्हें सहयोग करना पड़ेगा। मामले से जुड़े किसी भी मुद्दे पर पब्लिक प्लेस पर किसी भी तरह की टिप्पणी और चर्चा करने पर रोक है।
आप ने जताई ख़ुशी : सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल को जमानत मिलना तय था। इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र की जांच एजेंसियों को जो कहा है, वह केंद्र सरकार के लिए बहुत बड़ी फटकार है। केंद्र की जांच एजेंसियों को सुप्रीम कोर्ट तोता कहता था, जो आज भी है। वहीं दूसरी ओर सीएम की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने एक्स पर ट्वीट कर जमानत मिलने पर खुशी जाहिर की।
156 दिन बाद मिली जमानत : दिल्ली शराब घोटाले में सीएम अरविंद केजरीवाल को ED द्वारा 21 मार्च को अरेस्ट किया गया था। इसके डेढ़ महीने बाद 10 मई से 2 जून तक लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी। हालांकि, ED से जुड़े मामले में केजरीवाल को 12 जुलाई को ही बेल मिल गई थी। वहीं CBI केस में आज जमानत मिली है।