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औरंगाबाद के सिविल सर्जन को नहीं पता, क्यों मनाया जाता है की डॉक्टर्स डे, बोले-कल बताऊंगा

औरंगाबाद के सिविल सर्जन को नहीं पता, क्यों मनाया जाता है की डॉक्टर्स डे, बोले-कल बताऊंगा

AURANGABAD  : आज पुरे देश में डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है। लेकिन देश में कई डॉक्टर को पता नहीं है की इस दिन को क्यों मनाया जाता है। जी हां हम बात कर रहे हैं औरंगाबाद के सिविल सर्जन की। जब उनसे डॉक्टर्स डे का मतलब पूछा गया तो उन्होंने पहले तो हंसकर टाल दिया। लेकिन दुबारा पूछने पर वह अपने आप को रोक नहीं पाए और उन्होंने कह दिया कि आप लोगों को कल बताऊंगा। आज जहां पूरा देश डॉक्टर्स डे मना रहा है। गुरुवार की रात से ही इसको लेकर शुभकामनाओं एवं बधाई का दौर जारी है। 


औरंगाबाद के सदर अस्पताल में भी सुबह ड्यूटी में आए चिकित्सकों ने एक दूसरे को शुभकामनाएं देकर अपनी ड्यूटी की और मरीजों को देखा। लेकिन औरंगाबाद के सिविल सर्जन डॉक्टर कुमार बिरेंद्र प्रसाद को यह नही मालूम कि डॉक्टर्स डे क्या होता है। जब उनसे इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की और कहा कि कल मिलिए बता दूंगा। उन्होंने कहा की जैसे किसी का जन्मदिन मनाया जाता है। उसी तरह इस दिन को मनाया जाता है। अब सिविल सर्जन की छोडिये। अस्पताल में कार्यरत कई नर्सों को भी नहीं पता था की इस दिन को क्या मनाया जाता है।

खैर जो भी हम आपको बताते है की हर साल एक जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाने के पीछे क्या कारण है। दरअसल इस दिन को पहली बार साल 1991 में मनाया गया था और तबसे हर साल 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को पहली बार बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ बीसी रॉय के सम्मान में मनाया गया था। बीसी रॉय प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक होने के साथ-साथ एक सम्मानित डॉक्टर भी थे, जिन्हें 4 फरवरी, 1961 को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। डॉ बीसी रॉय का जन्म 1 जुलाई 1882 में हुआ था। इनका निधन भी 1 जुलाई, 1962 में हुआ था। इसलिए 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे के रूप में मनाते हैं। 

औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट 



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