Motihari : पूर्वी चम्पारण में बाढ] से तबाही अब भी जारी है। जिले के उतरी,पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में तबाही मचाने के बाद अब दक्षिणी क्षेत्र में तबाही मचा रहा है।इसी बीच भारी प्रशासनिक लापरवाही का ममला प्रकाश में आया है।
एफसीआई गोदाम प्रबंधन व प्रशासनिक उदासीनता के कारण गरीबो को मुफ्त मिलने वाला लगभग छह हजार किवंटल राशन सड़ने के कगार पर पहुंच गया है। गोदाम प्रबंधन व प्रशासन अगर समय रहते इसपर ध्यान दिया होता तो गरीबो का निवाला बचाया जा सकता था।
मामला केसरिया एफसीआई गोदाम का है। जहां बाढ़ का पानी गोदाम में घुसने से दो लेयर में रखे लगभग छह हजार क्विंटल चावल सड़ने के कगार पर पहुंच गया है। हालांकि एफसीआई के कर्मी नाव के सहारे अनाज निकालने में जुटे है, लेकिन बोरों से निकलती दुर्गंध इसके खराब होने के साबूत दे रही है।
बताया जाता है कि गरीबों को मुफ्त राशन देने के लिए गोदाम में चावल और गेंहू रखे गये थे। जिसका वितरण जुलाई महीने में होना था,लेकिन जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों की हड़ताल के कारण वितरण व्यवस्था ठप हो गयी। इस बीच संग्रामपुर के भवानीपुर गांव में गंडक नदीं के तटबंध के टूटने से केसरिया के सभी 18 पंचायतों और केसरिया नगर पंचायत के वार्डों मे बाढ ने तबाही मचाना शुरु किया।
बाढ़ का पानी इतना बढ़ेगा इसका शायद किसी ने अंदाजा नहीं था और गोदाम के जिम्मेवार अधिकारी बचते रहे। इस बीच बाढ़ के पानी ने गोदाम में घुसकर रखे गये हजारों बोरा को भींगा दिया। गोदाम में पानी घुसने के बाद एसएफसी प्रबंधन की निंद टूटी है और पानी में डुबे अनाज को नाव के सहारे निकालनें में लगीं है।
मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट