पटना: बाढ़ की महिला एएसपी लिपि सिंह को चुनाव आयोग के आदेश पर हटा दिया गया है. उनकी जगह बिहार पुलिस सेवा के एक अधिकारी को बतौर डीएसपी बाढ़ की कमान सौंपी गई है. लिपि सिंह के ट्रांसफर से स्थानीय लोग मायूस हो गए हैं. सरकार के इस फैसले पर लोगों ने नाराजगी जताई है. बाढ़ के लोग मानते हैं कि एक जांबाज महिला अफसर ने बाढ़ अनुमंडल में अपराधी- माफिया गठजोड़ की तोड़ कमर तोड़ दी थी. स्थानीय लोग चुनाव आयोग के फैसले पर अफसोस जताते हुए कहते हैं कि लिपि सिंह राजनीतिक साजिश की शिकार हो गई.
चुनाव आयोग के फैसले से लोगों में असंतोष
चुनाव आयोग के निर्देश पर गृह विभाग द्वारा सहायक पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह को हटाने से क्षेत्र के लोग हैरान हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि आकिर किस जुर्म की सजा लिपि सिंह को मिली. स्थानीय लोग यह सवाल कर रहे हैं कि क्या नेता की बेटी होना कोई गुनाह है ?
आरसीपी सिंह की बेटी हैं लिपि
आपको बता दें कि लिपि सिंह राज्यसभा सदस्य और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की पुत्री हैं. लिपि के खिलाफ मुंगेर की कांग्रेस उम्मीदवार नीलम देवी और उनके पति मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की तरफ से चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करायी गई थी. आरोप था कि वे अनंत सिंह के आदमी और उनके समर्थकों को परेशान कर रहे.
दरअसल बाढ़ की एएसपी के रूप में आईपीएस अधिकारी लिपि सिंह ने अपराधियों की कमर तोड़ दी थी. कई ऐसे कथित सूरमा को भी जेल पहुंचा दिया था जो अपने आप को क्षेत्र में दबंग बताते थे. बताया जाता है कि लिपि सिंह के नाम मात्र से ही बड़े-बड़े अपराधी भय खाने लगे थे. बताया जाता है कि लिपि सिंह के 6 महीने के कार्यकाल में 100 से ज्यादा पेशेवर अपराधियों को जेल भेजा गया था. 150 से ज्यादा हथियारों की बरामदगी हुई थी. जबकि अन्य आरोपो में 600 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.