BANKA : बिहार के बांका जिले से दिल दहला देनेवाली खबर आ रही है। तांत्रिक दंपती ने दुर्गापूजा के अवसर पर तांत्रिक क्रिया से अपने मासूम बेटे की बलि चढ़ा दी। महाष्टमी की पूजा करने के लिए चार साल के मासूम के सिर में कील ठोंक कर उसकी नरबलि दे दी। दिल दहला देनेवाली यह घटना नक्सल प्रभावित इलाके बेलहर प्रखंड के टेंगरा गांव की है। घटना के बाद से ही तांत्रिक पति-पत्नी फरार हो गए हैं। 16 अक्टूबर की देर रात तांत्रिक दंपती ने अपने बेटे की बलि चढ़ा दी। 17 अक्टूबर यानी बुधवार को यह खबर आग की तरह पूरे इलाके में फैल गयी। जिसे भी पता चला वो सिहर उठा।
पति-पत्नी दोनों हैं तांत्रिक
बताया जा रहा है कि तांत्रिक योगेंद्र पंडित और उसकी पत्नी मुनिया देवी पिछले कई सालों से तंत्र विद्या की सिद्धि में लगे हुए हैं। 16 अक्टूबर की सुबह दंपती ने घर पहुंचकर तंत्र साधना शुरू की और चार साल के मासूम बेटे गुलिया कुमार के सिर में कील ठोंक कर उसकी नरबलि दे दी। इसके बाद दोनों पति-पत्नी बेटे के शव को एक झाड़ी में फेंक कर वहां से फरार हो गये। बाद में स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। ग्रामीणों ने बताया कि योगेंद्र पंडित लगभग 10-15 वर्षों से तांत्रिक क्रिया करता आ रहा है। लोगों की झाड़-फूंक व तांत्रिक विधि से इलाज करने के लिए अक्सर वह दिल्ली सहित बिहार, झारखंड व उत्तर प्रदेश जाता है। अंधविश्वा्स में फंसे लोग उसे झाड़-फूंक के लिए बुलाते हैं।
पहले की पूजा, फिर दी बलि
चार साल पहले गुलिया का जन्म हुआ था। तांत्रिक के दूसरे बेटे रामरतन ने बताया कि गुलिया उन लोगों के साथ ही रहता था। 16 अक्टूबर की दोपहर एक बजे पिता ने उसके छोटे भाई रामविलास को गुलिया के लिए बिस्कुट लाने को कहा था। बिस्कुट लाकर उसे देने के कुछ ही मिनट बाद गुलिया उनकी नजरों से गायब हो गया। बताया जाता है कि उसे नहला कर नया वस्त्र पहनाया गया था। उसके बाद अगरबत्ती व धूप जलाकर पूजा-अर्चना की गयी थी।
अब पुलिस करेगी जांच
इधर, पुलिस मामले को रफा-दफा करने में जुट गयी है। थानाध्यक्ष राजवर्धन कुमार ने बताया कि पुलिस को घटना की जानकारी नहीं है। हालांकि, बाद में उन्होंने पुलिस को घटनास्थल पर भेज कर मामले की जांच कराने की बात कही।