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भागलपुर- मध्याह्न भोजन में मिला मांस का टुकड़ा, खाने के बाद कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ी,"यदि यहीं स्थिति रही बच्चों को स्कूल भेजना छोड़ देंगे"-ग्रामीण

भागलपुर- मध्याह्न भोजन में मिला मांस का टुकड़ा,  खाने के बाद कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ी,"यदि यहीं स्थिति रही बच्चों को स्कूल भेजना छोड़ देंगे"-ग्रामीण

भागलपुर- नवगछिया प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय कहर टोला तेतरी में गुरुवार को मध्याह्न भोजन के सब्जी में मांस का टुकड़ा निकलने की घटना सामने आई है। सब्जी में मांस का टुकड़ा देखते ही बच्चों ने हंगामा शुरू कर दिया। बच्चो को हंगामा करते देख बच्चो के परिजन भी स्कूल पहुंच कर हंगामा करने लगे। हंगामे की शिकायत पर शिक्षकों ने जब भोजन की जांच की तो शिकायत सही निकली। इसके बाद शिक्षकों ने तत्काल भोजन में मांस का टुकड़ा निकलने की जानकारी आपूर्तिकर्ता एजेंसी बाल विकास एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान के प्रबंधन और बीडीओ को दी और फिर भोजन को नष्ट करवाया।

 बच्चों ने कहा की जब हमलोग खाने बैठे तो सब्जी में मांस टुकड़ा जैसा कुछ नजर आया जिसके बाद हमलोगों ने खाना को नाली में फेक दिया और इसकी शिकायत शिक्षक से की, जिसके थोड़ी हीं देर बाद कुछ बच्चो का जी मचलने लगा और उल्टी भी हुई। 

वहीं हंगामे की शिकायत पर पहुंचे राष्ट्रीय जन जन पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने कहा की आए दिन बच्चो को कीड़ा वाला और दुर्गन्ध युक्त विषाक्त भोजन दिया जाता है जिसके कारण से बच्चो का तबियत भी खराब हो जाता है यदि स्कूल की यही स्थिति रही तो ग्रामीण अपने बच्चो को स्कूल भेजना छोड़ देंगे।

 हम सरकार से मांग करते है की सरकार एजेंसी से स्कूल में खाना न देकर स्कूल में हीं रसोईया से खाना बनवाए या फिर बच्चो के खाते में हीं खाना की राशि उपलब्ध करवाए ताकि बच्चे इस तरह से विषाक्त भोजन को खाने से बचे रहे। कभी भोजन में दुर्गंध, तो कभी कीड़ा' प्रधानाध्यापिका लूसी कुमारी ने बताया की एजेंसी द्वारा बच्चों को जो भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है वो गुणवत्तापूर्ण नहीं होता है। कभी पानी जैसी दाल होती है, तो कभी भोजन से बदबू आती है। यहां तक कि फल ऐसा उपलब्ध कराया जाता है, जो बच्चे खाने से मना कर देते हैं। उन्होंने बताया कि कई बार भोजन में दुर्गंध आने की शिकायत संस्था से और वरीय अधिकारियों से की गई थी लेकिन अब तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। विद्यालय में कुल 195 बच्चे नामांकित है जिसमे से गुरुवार को 166 बच्चे उपस्थित थे, स्कूल में मात्र 80 बच्चो के लिए हीं खाना आया था, क्योंकि बच्चे एजेंसी से आने वाले खाने को खाना नही चाहते है।

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