जदयू में होगी बड़ी टूट, उपेंद्र कुशवाहा का नीतीश कुमार और ललन सिंह को खुला चैलेंज, 'बचाकर दिखा लो पार्टी'

पटना. जदयू में जल्द ही एक बड़ी टूट होगी और पूरी पार्टी समाप्त हो जाएगी. जदयू को डूबती नैया बताकर यह भविष्यवाणी शनिवार को उपेंद्र कुशवाहा ने किया. उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया को दिए एक बयान में जदयू ने बड़ी टूट का दावा किया। उन्होंने कहा कि जदयू के कई नेता संपर्क में हैं. जल्द ही उसकी तस्वीर दिख जाएगी. इतना ही नहीं उन्होंने जदयू नेतृत्व को खुली चुनौती दी है कि अपनी पार्टी को टूटने से बचा लो. उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर महागठबंधन संग बिहार में सरकार बनाने का विरोध किया था. इसी से नाराज होकर उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू छोड़ने और अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा की. 

कभी नीतीश कुमार के खास माने जाने वाले उपेंद्र पिछले कुछ महीनों से लगातार जदयू और उसके शीर्ष नेतृत्व पर हमलावर बने हुए हैं. दो दिन पहले ही उपेंद्र कुशवाहा ने दिल्ली में भाजपा नेता अमित शाह से मुलाकात की थी. उनकी इस मुलाकात के बाद कई प्रकार की कयासबाजी लगाई जाने लगी थी. अब दिल्ली से पटना लौटने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने जदयू में टूट को लेकर कहा है कि कई जदयू नेता उनके सम्पर्क में हैं. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वे कौन से नेता हैं जो जदयू छोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द जदयू में बड़ी टूट देखने को मिलेगी. कई नेता जदयू को छोड़कर उनके साथ आएंगे. 

उपेंद्र कुशवाहा ने अमित शाह से गुरुवार को दिल्ली में बंद कमरे में करीब 45 मिनट तक मुलाकात की थी. इसे मुलाकात के साथ ही बिहार की राजनीति में अटकलें तेज हो गई थीं. उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के सामने 2024 में कोई चैलेंज ही नहीं है. वहीं नीतीश कुमार की विपक्षी एकजुटता के प्रयास पर उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि इसमें क्या नया था? उन्होंने यहां तक कहा कि 2024 में नरेंद्र मोदी के सामने देश में कोई चुनौती नहीं रहेगी. मोदी के मुकाबले विपक्षी एकता जैसी कोई पहल सफल नहीं होगी. 

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अब एक बार फिर से उपेंद्र ने जदयू आलाकमान को खुली चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि वे दोहरा रहे हैं कि जदयू में टूट तय है. कई जदयू नेता उनके सम्पर्क में हैं. जल्द ही जदयू को बड़ा झटका लगेगा और उनके कई नेता दूसरे दलों में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले ही जदयू का बुरा हश्र हो जाएगा. जदयू के शीर्ष नेताओं (नीतीश कुमार और ललन सिंह) के सामने ही उनकी पार्टी बिखड जाएगी.