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खबर का बड़ा असर : शराब कारोबारी को बचाने के खुलासे के बाद सीतामढ़ी SP की सफाई, कहा- नौसिखुआ थानेदार ने किया गुड़गोबर

 खबर का बड़ा असर : शराब कारोबारी को बचाने के खुलासे के बाद सीतामढ़ी SP की सफाई, कहा- नौसिखुआ थानेदार ने किया गुड़गोबर

सीतामढ़ी... सूबे में शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए लगातार आदेश सीएम नीतीश कुमार की ओर से दिए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। शराबबंदी कानून लागू कराने के लिए समय-समय पर अभियान चलाकर अधिकारियों की ओर से छापेमार कार्रवाई तो की जाती है, लेकिन शराब कारोबारियों को बचाने के लिए भी कई हथकंडे अपनाए जाते हैं। इतना ही नहीं हद तो तब हो जाती है जब किसी प्रकार के खुलासे के बाद पुलिस के आला अधिकारी अपने आप को बचाने के लिए अपने मातहात काम करने वालों पर सारा दोष मढ़ देते हैं। ताजा मामला सीतामढ़ी का है, जहां न्यूज4नेशन की ओर से शराब कराेबारी को बचाने के खुलासे के बाद एसपी ने अपने ही महसौल ओपी प्रभारी को नौसिखुआ बताकर पल्ला झाड़ दिया।ऐसे में बड़ा सवाल यही उठता है कि क्या ऐसे में सात जन्म में भी शराबबंदी सफल हो पायेगी?

भाजपा नेता के होटल संचालक को बचाने की चाल 

आपको बता दें कि 'वाह रे सुशासन ! भाजपा नेता के होटल में शराब पकड़े जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं, डीएम के आदेश को दारोगा ने खुलेआम दिखाया ठेंगा' की खबर न्यूज4नेशन पर प्रमुख के साथ प्रकाशित किया गया। जिसके बाद सीतामढ़ी एसपी न्यूज4नेशन के रिपोर्टर पर फोन पर बातचीत में जो बताया वो और भी चौंकाने वाला निकला। इस खबर को लेकर एसपी अनिल कुमार सिंह ने मेहसौल ओपी प्रभारी  मो. मोसिर अली को नौसिखुआ बताया। 

एसपी ने कहा- सीरियस नहीं है दारोगा

उन्होंने रिपोर्टर से बातचीत में कहा कि आपने जो खबर लिखी है उसमें आपको गलत न्यूज दिया गया है। उसमें दोनों होटल पर सिलिंग के आदेश हैं। इस पर रिपोर्टर ने कहा कि हमारे पास एफआईआर की कॉपी है। तो एसपी ने कहा कि थाना प्रभारी नौसिखुआ है, उस दिन थे नहीं। उनको घटना की जानकारी नहीं है। उसको सील किया गया है। बाद में जो डीएम साहब के यहां प्रपोजल किया गया है, उसमें दोनों होटल के सिलिंग के कार्रवाई का हुआ है। दोनों पर कार्रवाई होगी, दोनों बंद होंगे। थाना प्रभारी किसी चीज सिरियसनेस नहीं समझता है और इनकी बीमारी होती है ठीक से बात नहीं करने का तो इस कारण समस्या हो जाती है।


जानिए डीपीआरओ ने क्या कहा...

रिपोर्टर से बातचीत में डीपीआरओ परिमल कुमार ने बताया कि कार्रवाई की पूरी चिठ्‌ठी ने डीएम मैडम ने लिखी है। चिठ्‌ठी कमिश्नर और अपर गृह सचिव को लिखा है और कार्रवाई के बारे में बताया है। इस चिठ्‌ठी में दोनों होटलों का भी जिक्र किया गया है। डीपीआरओ परिमल ने बताया कि सच्चाई यहीं है कि जो विधिवत सिलिंग की कार्रवाई होनी चाहिए, वो नहीं हुआ है। सिलिंग करने के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त करने का प्रस्ताव चला गया है। जैसे ही मजिस्ट्रेट नियुक्त हो जाएगा सिलिंग विधिवत हो जाएगी। फिलहाल दोनों को बंद करके दोनों की निगरानी की जा रही है। मैडम ने कार्रवाई के लिए एसपी, कमिश्नर और अपर मुख्य गृह सचिव अमित वाणी सर को पत्र लिखा था। इस पत्र में दोनों होटलों के नाम शामिल हैं।

यह है पूरा मामला

बता दें कि 13 दिसंबर को सीतामढ़ी जिले में विधि-व्यवस्था व शराबबंदी के सच को जानने के लिए डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा व एसपी अनिल कुमार आधी रात में शहर में पहुंचे। इस दौरान रेलवे स्टेशन रोड स्थित दो होटलों में शराब का सेवन खुलेआम किया जा रहा था। रेलवे स्टेशन पर उतर कर आने-जाने वाले यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में नहीं रखकर मेहसौल ओपी पुलिस की लापरवाही के कारण होटल मयखाना में बदला हुआ है। 

डीएम और एसपी की संयुक्त उपस्थिति में कार्रवाई करते हुए होटल त्रिमूर्ति व बिहार मीट पराठा हाउस में शराब की बोतलें मिली। इस दौरान शराब के साथ एक व्यक्ति को भी पकड़ा गया। इस दौरान डीएम ने भी माना कि समीप के थाना प्रभारी की मिलीभगत के बगैर कोई भी दुकानदार इस तरह के कारोबार करने की हिम्मत नहीं जुटा सकता है। शराब की बरामदगी को डीएम ने गंभीरता से लेते हुए एसपी को संबंधित थानाध्यक्ष के अलावा अन्य अधिकारियों पर जवाबदेही तय कर कार्रवाई करने की बात कही, इसके बावजूद जब एफआईआर में सिर्फ त्रिमूर्ति होटल का नाम दिया गया, जबकि बिहार मीट पराठा हाउस का नाम ही गायब कर दिया गया।


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