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CM नीतीश की 'सलाह' नहीं मानते बड़े अफसर? मुख्यमंत्री बोले- हमारी बात पर थोड़ा ध्यान दीजिएगा...

CM नीतीश की 'सलाह' नहीं मानते बड़े अफसर? मुख्यमंत्री बोले- हमारी बात पर थोड़ा ध्यान दीजिएगा...

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बिहार के कई थाना भवनों, पुलिस लाइन का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम नीतीश उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। सीएम नीतीश ने आज 237.881 करोड़ की लागत से 38 थाना भवन, सुपौल पुलिस लाईन, केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान, बिहटा सहित कुल 94 नवनिर्मित पुलिस भवनों का उद्घाटन एवं 149.96 करोड़ की लागत से बनने वाले 57 पुलिस भवनों का शिलान्यास किया .मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने काम में लापरवाही बरतने पर गृह विभाग के अधिकारियों की जमकर खबर ली। परेशान CM नीतीश ने यहां तक कह दिया कि आधे-अधूरे काम का अब हम उद्घाटन नहीं करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में बड़े अधिकारियों पर तल्ख टिप्पणी की। भाषण के अंत में उन्होंने कहा कि हमारी बात पर ध्यान दीजिएगा। दरअसल मुख्यमंत्री पुलिस भवन निर्माण निगम द्वारा काम की धीमी प्रगति, शराब मामले में पुलिस की सुस्ती, भाड़े के भवन में चलने वाले थाना भवनों के लिए जमीन चिन्हित नहीं करने पर सीएम नीतीश ने गहरी नाराजगी जताई और पुलिस और गृह विभाग के बड़े अफसरों की क्लास लगा दी। 

राजगीर पुलिस एकेडमी में काम धीमा होने पर बिफरे सीएम नीतीश 

राजगीर के पुलिस एकेडमी बन रहा है। अभी तक उसका काम पूरा नहीं हुआ है। डेवलपमेंट कमिश्नर को ही राजगीर पुलिस एकेडमी का जिम्मा दिया गया है। हमने 2018 में शिलान्यास किया था। पुलिस भवन निर्माण निगम के लोग सुन लें। 2018 में जब हमने शिलान्यास किया तो काम क्यों नहीं बढ़ा? जब हमने कह दिया था कि यहीं पर पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग होगी । फिर भी काम क्यों नहीं हो रहा है.हम तो एक-एक जगह जाकर देख लिये। सिर्फ 1-2 जगहों पर काम शुरू हुआ है। सीएम नीतीश ने कहा कि गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद को कहा कि आप जो बैठे हुए हैं जान लीजिए। आपलोग जाकर देखिए की काम क्यों नहीं शुरू हो रहा? थोड़ा-थोड़ा काम का उद्घाटन-शिलान्यास करने में रूची नहीं है। आपलोग एक साथ काम पूरा कीजिए तभी अब उद्घाटन करने जायेंगे। 

CM नीतीश ने अफसरों को लगाई क्लास

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि याद रखियेगा...जब हमलोगों को काम करने का मौका मिला उसके पहले क्या स्थिति थी? पुलिस की वर्दी कैसी थी ? पुलिसकर्मियों के लिए क्या नहीं किये गये...भवनों की क्या स्थिति थी? उसी हमने निर्णय लिया था कि पुलिस भवनों का निर्माण करायेंगे। पुलिस भवन निर्माण की स्थापना 1974 में स्थापित की गई थी। लेकिन हमलोगों से पहले इसे बंद करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन 2007 में हमने इस फिर से जीवित किया। अब पुलिस से जुड़े सभी भवनों का निर्माण पुलिस भवन निर्माण निगम करता है.

मुझे तकलीफ है-सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि थाना कहीं भाड़े पर चल रहा। हमने कई बार कहा कि जमीन चिन्हित कर वहां पर भवन बनाएं। यह काम गृह विभाग का है। मुझे तकलीफ है कि अभी भी 15 पुलिस थाना-ओपी को भूमि नहीं मिला है। यह काफी चिंता वाली बात है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन चिन्हित क्यों नहीं हुआ? सब बात जानिए..आप सब बात बोल रहे थे कि ये हो रहा...लेकिन काम क्यों नहीं हो रहा है? थानों के लिए जमीन क्यों नहीं मिल रहा है? ऐसे कार्यक्रम में विकास आयुक्त को क्यों नहीं रखा जाता है. वे पहले गृह विभाग का जिम्मा संभाल चुके हैं। सीएम नीतीश ने गृह विभाग को कहा कि थाना भवन निर्माण में देरी क्यों हो रही है। 

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