PATNA/NEW DELHI: बिहार की राजनीति के लिए आज का दिन बेहद ही महत्वपूर्ण है। इसका कारण है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात। यह मुलाकात जातिगत जनगणना के विषय पर होने वाली है।
इस मुलाकात के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार देर शाम ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए। वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रक्षाबंधन के को लेकर पहले से ही दिल्ली पहुंचे हुए हैं। उनके अलावा इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में कॉन्ग्रेस, हम, वीआईपी माले और सीपीएम के नेता भी मौजूद रहेंगे। मुख्य रूप से यह मुलाकात जाति आधारित जनगणना को लेकर ही होने वाली है। इस मुलाकात का समय सोमवार को दिन के 11 बजे रखा गया है।
19 अगस्त को मिला था समय
इस महत्वपूर्ण मुलाकात के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी वक्त से प्रयासरत थे। उन्होंने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का वक्त मांगा था और 19 अगस्त को उन्हें प्रधानमंत्री की तरफ से जवाब आया। पत्र में 23 अगस्त का वक्त दिया गया। आज सभी की निगाहें इस मुलाकात पर टिकी हुई है क्योंकि एक तरफ इसके कई सियासी मायने हैं, तो वहीं आगामी चुनाव से भी इसे जोड़कर देखा जा रहा है।
जातिगत जनगणना पर एक ही नाव में पक्ष-विपक्ष
गौरतलब है कि जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष एक ही नाव पर सवार है। जदयू और राजद दोनों का ही मत जाति आधारित जनगणना कराने को लेकर है। वहीं दूसरी तरफ सत्ता पक्ष की बड़ी पार्टी, यानी कि भाजपा, इसकी पक्षधर शुरू से ही नहीं रही है। भाजपा का प्रयास गरीबों की जनगणना कराने को लेकर है।
मॉनसून सत्र में खूब उछाला गया था मुद्दा
बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष में काफी तकरार देखने को मिला था। उसी दौरान जदयू और राजद के सुर भी मिले थे। जिस पर कई तरह की सियासी उठापटक भी देखने को मिली। अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री से मुलाकात पर किन विषयों पर चर्चा होती है और इस मुलाकात का क्या निष्कर्ष निकल कर सामने आता है।