Bihar cyber Crime News: बिहार में साइबर ठगी का मामला प्रकाश में आया है। जहां एक गांव के करीब 3 सौ लोगों के साथ साइबर ठगों ने करीब 8 करोड़ रुपए की ठगी की घटना को अंजाम दिया है। ठगी के शिकार हुए लोगों में पुरुषों की संख्या में महिलाओं की संख्या अधिक है। यह मामला तब सामने आया जब सैकड़ों ग्रामीणों के घर अलग अलग बैंको द्वारा नोटिस आया। नोटिस मिलते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में ग्रामीणों ने इसकी शिकायत थाने में दर्ज करवाई। बताया जा रहा है कि इस घटना को एक ही परिवार के लोगों ने अंजाम दिया है और अब वे सभी फरार हैं। जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
एक ही परिवार के लोगों ने 300 ग्रामीणों से की ठगी
दरअसल, मामला थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत मोथा का है। शातिर ठगों ने बड़े ही चलाकी से घटना को अंजाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि पिछले करीब दस वर्षो से यह ठग परिवार लोगों के नाम पर लोन निकालता व जामा करता था। धीरे-धीरे ठगों ने सभी लोगों का विश्वास को जीत लिया। करीब 3 सौ ग्रामीणों को चूना लगाकर ठग परिवार गांव छोड़कर फरार हो गए हैं। जानकारी अनुसार मोथा गांव निवासी राजू गुप्ता की पत्नी नीलम देवी फाइनेंस कंपनी कैसपार बैंक के बिक्रमगंज ब्रांच में एक कर्मचारी के रूप में कार्य करती थी और अपने गांव के निजी मकान में एक बैंक की एक शाखा चलाती थी।
बैंक अधिकारी दे रहे धमकी
इस ठगी में नीलम का पूरा परिवार शामिल है। लोगों ने बताया कि प्रतिदिन किसी न किसी बैंक से अधिकारी हम सभी के घर पर आते हैं। बैंक के अधिकारियों द्वारा धमकी दिया जाता है की जल्द से जल्द लोन का पैसा जामा करो नहीं तो घर का पूरा सामान जब्त कर लिया जाएगा। ठगी की शिकार हुए लोगों ने पूरे परिवार के विरुद्ध थाने में आवेदन दिया है। साथ ही थानाध्यक्ष से न्याय की गुहार लगाई है।
ठग परिवार हुआ फरार
आवेदन में कहा गया है कि प्रखंड क्षेत्र के मोथा गांव के रहने वाले शिवकुमार साह उनकी पत्नी रमावती देवी, पुत्र राजू गुप्ता, पुत्रबधु नीलम देवी और नाती संजीत राज उर्फ प्रिंस कुमार, चाचा अरविन्द कुमार, चाची ममता देवी, सतेन्द्र कुमार गुप्ता सहित उत्कर्ष, बंधन बैंक व कैसपार बैंक सहित 12 बैंको के वर्तमान मैनेजर के साथ मिलीभगत कर मोथा गांव के लगभग तीन सौ गरीब, मजदूर लोगों के नाम पर लोन निकाल कर ठगी किया है। बताया गया कि ठगी की वारदात के बाद से ही महिला अपने पूरा परिवार के साथ भूमिगत हो गई है। मोथा गांव के लोगों से करीब 8 करोड़ रुपया की ठगी की गई है। लोगों ने बताया की ठग महिला की घर पर ताला लगा हुआ है। ठग महिला अपने पूरे परिवार के साथ लापता है। यही नहीं ठग परिवार के सभी सदस्यों पुलिस के ट्रेस से बाहर बताए जा रहे हैं। परिवार के सभी लोगों का मोबाइल भी स्वीच ऑफ है।
पहले जीता ग्रामीणों का भरोसा फिर ठगा
इस घटना को लेकर काराकाट थानाध्यक्ष फूलदेव चौधरी से कहा कि, मोथा गांव के सैकड़ों लोगों ने अपने गांव के ही एक परिवार पर ठगी का आरोप लगाया है। आरोप है कि लोगों के नाम पर लोन निकाल कर थोड़े पैसे की लालच देकर बाकी की रूपये अपने बैंक खातों में ट्रांसफर करा लेता था। पिछले कुछ महीनों से घर पर ताला लगाकर सपरिवार गायब हो गया है। पीड़ितों की लिखित आवेदन व बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया हैं। इस मामले में सभी बैंको के मैनेजर की संलिप्तता स्पष्ट दिख रहा है। मामले की जानकारी वरीय पुलिस अधिकारियों को दिया गया है। निर्देश आते ही कार्रवाई की जाएगी ।
आरोपियों के घर की होगी कुर्की जब्ती
वहीं अगर आरोपित पुलिस के सामने जल्द पेश नही होंगे है तो उसके घर की कुर्की जब्ती कराई जाएगी। ठगी की शिकार हुई मोथा गांव निवासी पन्ना देवी ने कहा कि उनके नाम पर पांच अलग अलग बैंकों से लोन निकाला गया है। किसी बैंक से 55 हजार रुपया निकाला गया है, तो किसी बैंक से 70 हजार रुपया। उन्होंने कहा कि जब भी लोन निकालना होता था तो ठग परिवार बैंक के मैनेजर के साथ दरवाजे पर आते थे। मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद चले जाते थे। लोन पास होने के बाद हमे एक या दो हजार रुपया दे दिया जाता था।
ग्रामीणों ने बताया उनके साथ कैसे हुई ठगी
मोथा गांव निवासी चपरासी पासवान कहते है कि उन्हीं के गांव के संजीत कुमार उर्फ प्रिंस कुमार अंगूठा का निशान लेने के लिए एक मशीन रखता था। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी मटरी देवी का भी मशीन पर अंगूठा का निशान लिया और 3 लाख रुपए का लोन अलग अलग बैंको से उनके पत्नी के नाम पर निकाल लिया गया। लोन निकालने के बाद से ही ठग का पूरा परिवार गांव छोड़ कर भाग गया। हम बकरी पालन करने वाले गरीब लोग हैं। जब से मेरी पत्नी को इसका सूचना मिली है उसकी तबियत बहुत खराब हो गया है । इन ठगों की वजह से मेरी पत्नी मरने के कगार पर पहुंच गई हैं।
जांच में जुटी काराकाट पुलिस
मोथा गांव निवासी माधुरी देवी कहती है कि इन सभी धोखाधड़ी व फ्रॉड के असली मास्टरमाइंड रामवती देवी है। जो बहुत पहले से ही गांव में एक महिला समूह चलाती थी। जब हम सब काराकाट पुलिस से गुहार लगाया तो बिक्रमगंज एसडीपीओ के यहां से निर्देश आने के बाद कार्रवाई करने की बात कही जा रही है। हम सब बहुत गरीब महिला है अब कहा जाए कुछ समझ नहीं आ रहा है। हम सभी के पास रहने को एक झोपड़ीनुमा घर है उसी में किसी तरह जीवन काटते हैं, और मजदूरी करके किसी तरह अपने परिवार की भरण-पोषण करते है।
आरोपियों की जल्द होगी गिरफ्तारी
मोथा गांव निवासी उषा देवी ने बताया कि सबसे पहले सभी बैंकों में उनका एक नया खाता खुलवाया जाता था और उसका पासबुक प्रिंट कराकर ठग परिवार अपने पास पासबुक रख लेते थे। उसके बाद लोन निकाल कर खुद अपने और अपने परिवार के खातों में पैसे भेज दिया जाता था। मेरे नाम पर 70 हजार की लोन निकाला गया और मुझे उसके एवज में केवल चार हजार रुपया दिया गया। बाकी बचे पैसा ठग परिवार अपने अकाउंट में लेकर भाग गया। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
काराकाट से रंजन की रिपोर्ट