सभी लोग अपने आप को हर तरीके से मेनटेन करना चाहते हैं। ऐसे में किसी को बॉडी अपनी फिट रखना पसंद होता है, तो किसी का पहनावे-ओड़ावे पर ज्यादा ध्यान जाता है। कुछ को दांत खराब होते हैं तो उसे सही करना उसका पहला प्रॉयोरिटी रहता है तो किसी और का कुछ। आज हम बात करेंगे उन लोगों के बारे में जिनलोगों को अपने दांतों पर ज्यादा ध्यान देना पड़ता है या ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
हर कोई चाहता है कि उनकी दांतें सफेद मोती की तरह चमकती रहे। लेकिन बड़ी संख्या में लोग दांतों के पीलेपन से परेशान नजर आते हैं। तमाम युवा दांतों के पीलेपन को हटाने के लिए तरह तरह के टूथपेस्ट और माउथवॉश इस्तेमाल करते हैं। लेकिन फिर भी समस्या जस की तस बनी रहती है। कई लोग मानते हैं कि दांतों का पीलापन उम्र से संबंधित होता है और इसे हटाया नहीं जा सकता है। अगर आप भी दांतों की इस समस्या से परेशान हैं और दांतों को दोबारा चमकाना चाहते हैं, तो इन बातों को जरूर पढ़ें।
दांत पीले होने की 3 बड़ी वजह होती है। सबसे पहली वजह पानी में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होना। जिन जगहों पर पानी में फ्लोराइड ज्यादा होता है, तो उस पानी को लंबे समय तक पीने से डेंटल फ्लोरोसिस नामक कंडीशन पैदा हो जाती है और इससे दांत पीले हो जाते हैं। कई बार दांतों में पीले पैचेस हो जाते हैं। दांत पीले होने की दूसरी सबसे बड़ी वजह टीथ की सही तरीके से क्लीनिंग और ब्रशिंग न करना है। जब दांत साफ नहीं हो पाते हैं, तब दांतों के नीचे गंदगी जमा हो जाती है, जिसे कैल्कुलस कहा जाता है। इसकी वजह से भी दांत पीले नजर आने लगते हैं। तीसरी वजह उम्र के साथ दांतों का एनेमल ज्यादा ट्रांसपेरेंट होना है।
उम्र बढ़ने के साथ हमारे दांतों की सबसे ऊपरी परत यानी टूथ एनेमल ट्रांसपेरेंट होने लगता है और इससे दांतों की निचली परत डेंटिन नजर आने लगती है। डेंटिन का रंग पीला होता है, जिससे दांतों पर पीलापन दिखने लगता है। इसके अलावा चाय, कॉफी, अल्कोहल समेत कई चीजों का सेवन करने से भी दांतों पर गंदगी जमा होने लगती है और पीलापन आने लगता है। सबसे बड़ी बात यह है कि हमारे दांतों का नेचुरल कलर ब्राइट व्हाइट नहीं होता है। करीब 95% लोगों के दांतों का नेचुरल कलर क्रीमिश होता है। ऐसे में दांतों को बिल्कुल सफेद नहीं मानना चाहिए।
दांतों को सफेद करने के कुछ तरीके हैं, जिनमें स्केलिंग, ब्लीचिंग, वैनिरिंग, ब्रशिंग और गार्गल करना शामिल है। दांतों की गंदगी हटाने के लिए स्केलिंग की जाती है, जिसे बोलचाल की भाषा में दांतों की सफाई कहा जाता है। इससे दांतों के बीच जमे कैल्कुलस और अन्य गंदगी को साफ किया जाता है और लोगों के दांत अपने नेचुरल कलर जैसे दिखने लगते हैं। सभी लोगों को हर 6 महीने या 1 साल में दांतों की सफाई जरूर करानी चाहिए। इसके अलावा दांतों को साफ रखने के लिए रोज 2-3 बार ब्रशिंग और रात को गुनगुने पानी में नमक मिलाकर कुल्ले करने चाहिए। इससे दांत साफ रहेंगे।