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जीएसटी संग्रहण में पिछड़ गया बिहार, बढ़ती मंहगाई के कारण ज्यादा खरीदी से बच रहे सूबे के लोग

जीएसटी संग्रहण में पिछड़ गया बिहार, बढ़ती मंहगाई के कारण ज्यादा खरीदी से बच रहे सूबे के लोग

PATNA : राज्यों की आमदनी का एक बड़ा श्रोत जीएसटी है। जिससे होनेवाली आमदनी पर राज्यों का विकास की रूपरेखा बनाई जाती है। लेकिन बिहार में तेजी से विकास का दावा करनेवाली नीतीश सरकार को जीएसटी के कारण बड़ा झटका लग सकता है। ऐसा इसलिए कि बिहार में इस बार जीएसटी संग्रहण की राशि पिछले साल की तुलना में कम हो गई है। जबकि देश के दस बड़े राज्यों में गिने जानेवाले बिहार की तुलना में ज्यादातर राज्यों में इस अवधि में जीएसटी की राशि में 17 से 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 

एक फीसदी कम हुआ संग्रह

बिहार में जुलाई 2021 की समाप्ती पर जीएसटी से हुई आमदनी 1281 करोड़ रुपए थी, जबकि इस साल जुलाई के अंत में यह आंकड़ा कम होकर 1264 करोड़ पर आ गया। 17 करोड़ रुपए कम आमदनी हुई। जबकि इसी अवधि में दस बड़े राज्यों में औसतन 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की है। इनमें सबसे ऊपर महाराष्ट्र है। जिसकी आमदनी पिछले साल 18,899 करोड़ थी, वहीं इस साल यह बढ़कर 22,129 हो गई है। बात अगर बिहार के पड़ोसी राज्यों यूपी और झारखंड की करें तो यहां भी बिहार से बेहतर स्थिति नजर आती है। यूपी में पिछले 6011 करोड़ जीएसटी से मिले थे। जबकि इस साल यह बढ़कर 7074 करोड़ पर पहुंच गया। वहीं झारखंड में स्थिति बेहतर है। यहां एक साल में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल यहां आमदनी 2056 करोड़ रुपए थी, वहीं इस बार जीएसटी से 2514 करोड़ प्राप्त हुए।


केंद्र को 28 फीसदी ज्यादा मिले जीएसटी

बात अगर केंद्र सरकार को जीएसटी से होनेवाली आय की करें तो यहां भी पिछले साल की तुलना में 28 फीसदी ज्यादा आमदनी हुई है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2022 के अंत में केंद्र को 1.49 लाख करोड़ रुपए जीएसटी से हासिल हुए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार में जीएसटी संग्रह की राशि क्यों घट गई।

छोटी इकाईयों का बंद होना बना कारण 

कई जानकारों का मानना है कि दो साल के कोरोना काल में बिहार में 30 फीसदी से ज्यादा छोटी इकाइयां बंद हो गई। जो बची हैं उन्हें भी सरकारी सहायता की आवश्यकता है। जो छोटे लघु उद्योग लगे हैं, उन्हें ई-कॉमर्स की बड़ी कंपनियों से बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। इस कारण जीएसटी संग्रह में कमी आयी है।

लोग कम कर रहे खरीदारी

वहीं आमदनी कम होने का एक कारण बिहार के लोगों में खरीदारी को लेकर घटती रूचि को माना जा सकता है। जीएसटी से आय तभी बढ़ेगी, जब कुछ खरीदारी की जाए, लेकिन बढ़ती मंहगाई के कारण बिहार के लोग अनावश्यक खरीदारी से बच रहे हैं। बिहार को एक गरीब राज्य माना जाता है। लोग अब खर्च करने से बच रहे हैं।

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