PATNA : बिल्कुल सही है कि दूध इंसान के लिये सर्वोत्तम आहार है. बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक के लिये यह स्वास्थवर्धक है. लेकिन क्या आप जिस दूध को पी रहे हैं वह सही है या फिर जहर है. जो आपके शरीर को धीरे धीरे कमजोर कर रहा है. समझने के लिए आगे पढ़िए.
यह तथ्य है कि गाय या भैंस जो भी खाती है या पीती है या फिर जो दवा उसे दिया जाता है उसका सीधा असर उसके फ़ूड साइकिल पर होता है. दूध से लेकर गोबर और पेशाब तक मे फ़ूड साइकिल का प्रभाव दिखता है. यह असर कमोबेश एक सप्ताह तक रहता है.
सवाल उठता है कि पटना में जो दूध आप सामने दुहवाकर या फिर सीधे खरीदकर ला रहे हैं क्या वह स्वास्थवर्धक है? जी नहीं, पटना सहित बिहार के कई इलाकों से लिए गए दूध के सैम्पल तो यही कह रहे है. सैम्पल जांच के बाद जो बातें सामने आई हैं उसके अनुसार यह साबित हो रहा है कि गाय से लेकर भैंस तक एंटीबॉयोटिक के ओवरडोज से बुरी तरह ग्रस्त है, जिसका असर दूध में भी पाया जा रहा है. यही दूध आप भी इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपका खतरा में पड़ना तय है.
अगर कोई भी इंसान एंटीबॉयोटिक के असर वाला दूध लगातार पीता रहेगा तो उसकी जिंदगी खतरे में पड़ सकती है. इसलिये हम जो दूध पी रहे हैं वह दूध है या धीमा जहर,इसे समझ लें.
गाय पालने वाले लोग अक्सर बगैर समझे कुछ भी होने पर गाय को एंटीबॉयोटिक का सुई या फिर गोली दे देते हैं. उन्हें मतलब सिर्फ यह होता है कि गाय जल्दी से ठीक हो जाये उसका असर दूध के उत्पादन पर न पड़े. इसका परिणाम दूध पीने वाले ग्राहक को झेलना पड़ रहा है. हाँ, फिलहाल उन्हें पता नहीं चल पा रहा.