बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

नीतीश सरकार में अब 'बॉडीगार्ड' घोटाला! चहेतों को दिया गया अंगरक्षक लेकिन नहीं वसूली गई करोड़ों की सरकारी राशि

नीतीश सरकार में अब 'बॉडीगार्ड' घोटाला! चहेतों को दिया गया अंगरक्षक लेकिन नहीं वसूली गई करोड़ों की सरकारी राशि

PATNA: बिहार में तरह-तरह के घोटालों की खबर सामने आते रहती है।आज हम आपको एक नए किस्म के घोटाले की खबर बताते हैं।दरअसल बिहार में बॉडीगार्ड घोटाला हुआ है।वैसे सुनने में आपको यह थोड़ा अटपटा लगेगा लेकिन इसमें पूरी सच्चाई है।आरटीआई से इस पूरे घोटाले से पर्दा उठा है।बॉडीगार्ड घोटाले में बिहार सरकार का करोड़ों रू पानी में डूब गया हैं। जानिए पूरी खबर.....

चहेतों को दिए गए अंगरक्षक

बिहार में अब बॉडीगार्ड घोटाला सामने आया है।भारतीय लेखा परीक्षा विभाग की तरफ से आरटीआई से मांगी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार में सरकारी बॉडीगार्ड देने में भारी गड़बड़ी की गई है।दरअसल जिला स्तर पर स्थानीय वीआईपी को जो बॉडीगार्ड दिए गए उनसे पैसे की वसूली करनी थी। जिला सुरक्षा समिति बाह्य व्यक्तियों को भुगतान के आधार पर अंगरक्षक की प्रतिनियुक्ति कर सकती है।इसके बदले में बॉडीगार्ड लेने वाले शख्स को पैसे का भुगतान करना पड़ता है। यहीं पर भारी गड़बड़ी हुई।स्थानीय स्तर पर बॉडीगार्ड तो दिए गए लेकिन उसके पैसे पैसे की वसूली नहीं हुई या काफी कम हुई।बिहार के कई जिलों में बॉडीगार्ड देने के नाम पर करोड़ों रू सरकार के बकाया हैं लेकिन उसकी वसूली करने में सिस्टम फेल कर गया है।

आरटीआई से हुआ खुलासा

दरअसल बिहार के आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय ने भारतीय लेखा परीक्षा विभाग पटना से सूचना के अधिकार के तहत इसी साल जानकारी मांगी थी।आरटीआई एक्टिविस्ट ने वर्ष 2010 से 2020 के दौरान सूबे के 40 पुलिस जिलों में जिला पुलिस को सामान्य नागरिकों के जीवन की सुरक्षा हेतु उपलब्ध कराये बॉडीगार्ड पर कुल व्यय राशि से संबंधित जानकारी मांगी गई थी।इसके बाद लेखा परीक्षा विभाग ने आरटीआई एक्टिविस्ट को 82 पन्नों की पूरी सूची दी है।

 वैशाली में बॉडीगार्ड के नाम पर सबसे अधिक बकाया

रिपोर्ट में कहा गया है कि जिला स्तर पर अंगरक्षक के बदले काफी समय से राशि की वसूली नहीं हो रही ।अधिकारी बकाये राशि की वसूली में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे।लेखा परीक्षा विभाग ने इसे बड़ी लापरवाही बताया है।रिपोर्ट में यह बताया गया कि तमाम जिलों के एसपी बकाये राशि की वसूली का सिर्फ आश्वासन दिया। आरटीआई एक्टिविस्ट को मिली जानकारी के अनुसार बक्सर में बॉडीगार्ड के नाम पर करीब 43 लाख का बकाया है।कैमूर में 22 लाख की वसूली नहीं हो पाई।वहीं अररिया में 45 लाख,बगहा में 11 लाख,वैशाली में सबसे अधक 76 लाख,रोहतास में 67 लाख,औरंगाबाद में 22 लाख,लखीसराय में भी करीब 11 लाख और गया में 28 लाख का बकाया है।जिसकी वसूली नहीं हो पा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी जिलों के एसपी ने बकाये पैसे की वसूली की बात कही है।हालांकि हाल के दिनों तक जिलों के एसपी ने कितनी राशि वसूल की इसकी जानकारी नहीं है।

आरटीआई एक्टिविस्ट ने खोल दी पोल

आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय ने बताया कि हमने 2010 से लेकर 2020 तक आम लोगों को दिए गए बॉडीगार्ड के एवज में पैसे वसूली को लेकर  भारतीय लेखा परीक्षा विभाग से जानकारी मांगी थी।जो जानकारी दी गई है उसमें कई जिलों में लाखो रू बकाया है।पूरे बिहार की बात करें तो इसमें बड़ा घोटाला हुआ है और इसमें करोडो़ं की सरकारी राशि की वसूली नहीं हो पाई है।

Suggested News