PATNA: बिहार में पुलिस अधिकारी से लेकर सिपाही तक की भारी कमी है। बिहार पुलिस मुख्यालय ने यह रिपोर्ट दी है. आरटीआई से मांगी गई जानकारी में पुलिस मुख्यालय ने खुलासा किया है कि एएसपी-डीएसपी रैंक के अधिकारियों की बात छोडिए सिपाही की भी भारी कमी है.ऐसे में बड़ा सवाल है कि जिस राज्य में सिपाही के 30 हजार पद खाली हों वहां पर क्राइम कंट्रोल कैसे होगा।पढ़िए न्यूज4नेशन की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट से खुली पोल
पुलिस मुख्यालय ने जानकारी दी है कि इंस्पेक्टर एवं समकक्ष कोटि के पुलिस अधिकारियों की भी भारी कमी है. दरअसल आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय ने बिहार पुलिस मुख्यालय से पुलिस अफसरों से लेकर सिपाही तक की संख्या बल और रिक्ति की पूरी जानकारी मांगी थी. इसके बाद बिहार पुलिस मुख्यालय के स्थापना एवं विधि प्रभाग के डीआईजी ने यह जानकारी दी है. पुलिस मुख्यालय की जानकारी के अनुसार पुलिस महानिदेशक के स्वीकृत 3 पद हैं वर्तमान में डीजी रैंक के 5 अफसर हैं.अपर पुलिस महानिदेशक के 10 स्वीकृत पद हैं जिसमें वर्तमान में 12 अधिकारी हैं. पुलिस महा निरीक्षक के 23 पद में से उपलब्ध बल की संख्या 15 है, जबकि डीआईजी रैंक के 22 पोस्ट है उस पर वर्तमान में 24 अधिकारी हैं. एसपी रैंक 74 पोस्ट में 72 की संख्या कार्यरत्त है.
डीएसपी के 281 तो सिपाही के 29208 पोस्ट खाली
बिहार पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार अपर पुलिस अधीक्षक, वरीय पुलिस उपाधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक,स्टाफ ऑफिसर एवं अन्य के 838 स्वीकृत बल है, वर्तमान में 557 अधिकारी कार्यरत हैं इस तरीके से 281 पोस्ट खाली है. पुलिस निरीक्षक एवं समकक्ष कोटि के 2295 पद हैं वर्तमान में 1326 कार्यरत है इस तरीके से 969 पोस्ट खाली है.पुलिस अवर निरीक्षक के 20108 स्वीकृत पोस्ट हैं, जिसमें से 10593 कार्यरत है इस तरह से 9515 पोस्ट खाली है. सहायक अवर निरीक्षक एवं समकक्ष कोटि के 14796 स्वीकृत बल की जगह 7310 कार्यरत हैं, इस तरह से 7486 पोस्ट खाली है. हवलदार एवं समकक्ष कोटि के 17290 पोस्ट है इसमें 6771 कार्यरत बल है. इस तरह 10519 पोस्ट खाली है. वही अगर सिपाही एवं समकक्ष कोटि की बात करें तो इसमें 86647 पोस्ट है, वर्तमान में 57439 लोग कार्यरत हैं और 29208 पोस्ट खाली है.
क्या कहते हैं आरटीआई एक्टिविस्ट
आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय ने बताया कि हमने पुलिस अफसरों से लेकर सिपाही तक के स्वीकृत बल,उपलब्ध बल और रिक्ति के बारे में पुलिस मुख्यालय से जानकारी मांगी थी। मुक्यालय के स्तर से जो जानकारी दी गई है वह चौंकाने वाली है।आखिर डीएसपी से लेकर सिपाहियों तक के हजारो पद खाली हैं।बावजूद इसके उन खाली पदों को भरने की दिशा में सरकार कोई कदम नहीं उठा रही जो चिंता का विषय है.क्यों कि जब पुलिसकर्मियों के इतने पद खाली रहेंगे तो फिर कैसे क्राइम कंट्रोल होगा?