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BIHAR NEWS : निजीकरण के विरोध में 2 दिवसीय हड़ताल पर गए बैंककर्मी, कामकाज ठप, ग्राहक परेशान

BIHAR NEWS : निजीकरण के विरोध में 2 दिवसीय हड़ताल पर गए बैंककर्मी, कामकाज ठप, ग्राहक परेशान

पूर्णिया/नालंदा/समस्तीपुर/नवादा। केंद्र सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण ( BIHAR BANK STRIKE)  करने के फैसले को लेकर देश के तमाम बैंकों में दो दिवसीय हड़तार का ऐलान किया गया है। जिसका असर बिहार में भी नजर आया है। सोमवार को राज्य के सभी जिलों में (BANK PRIORITIZATION) बैककर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कामकाज पूरी तरह से ठप रहा, जिसके कारण ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

पूर्णिया में किया गया प्रदर्शन

पूर्णिया में भी इस बन्द का व्यापक असर देखा गया । सभी बैंक कर्मी के संगठन एकजुट होकर हड़ताल पर बैठे है । कैनरा बैंक ज़ोनल कार्यालय के बाहर सैंकड़ों की संख्या में बैंक कर्मियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी करते हुए विरोध जताया । हड़ताल पर गए बैंक कर्मियों की मांग है कि बैंक के निजीकरण पर रोक लगाया जाए । जिसके विरोध में देश भर में राष्ट्रीयकॄत बैंक के कर्मी आज से 2 दिन के हड़ताल पर हैं । इसके अलावा इनकी मांग एनपीएस को बंद करने व सामान काम के लिए सामान्य वेतन दिए जाने की भी है।


नालंदा के बैंककर्मी भी रहे हड़ताल पर

बैंकों के निजीकरण समेत अन्य मांगों को लेकर बैंककर्मी आज से दो दिन के सांकेतिक हड़ताल पर रहे। हड़ताल के दौरान बैंकों के समक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बैंक कर्मियों ने बताया कि कोरोना संकट काल में सरकारी तंत्र को ही घाटा हुआ। जबकि, औद्योगिक घरानों की आय बढ़ती चली गयी। आखिर ऐसा क्यों है। सरकार इस पर नियंत्रण लगाने की बजाये निजीकरण को बढ़ावा देने पर तुली है। इससे आम नागरिकों की भी परेशानी बढ़ेगी। वे देर सबेर शोषण के शिकार बनेंगे। श्रमिक विरोधी कानून, बैंकिग रिफॉर्म व अन्य के विरोध में यह हड़ताल किया गया है। अगर सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करेगी तो यह दो दिनों का सांकेतिक हड़ताल है | इसके बाद आगे चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।

नवादा में सड़क पर निकाला जुलूस

नवादा में बैंक कर्मचारी संगठनों ने सरकार की ओर से निजीकरण की योजना के विरोध में शहर में जुलूस निकालकर केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की वहीं निजीकरण खत्म करने की मांग की। कर्मचारी संगठनों ने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल भी करेंगे और कई जगहों पर घेराव करेंगे। बैंक कर्मचारी और अधिकारी मिलकर सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। कर्मियों ने कहा कि सरकारी बैंकों के सामने एकमात्र समस्या खराब कर्ज की है, जो अधिकांश कॉरपोरेट और अमीर उद्योगपतियों द्वारा लिए जाते हैं। सरकार उन पर कार्रवाई करने के बजाय, बैंकों का निजीकरण करना चाहती है। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि सरकार अपने फैसले पर फिर से विचार करे। कहा कि इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने युवा बेरोजगारों को स्थायी नौकरियां दी हैं, जबकि निजी बैंकों में केवल अनुबंध की नौकरियां हैं।

समस्तीपुर के बैंककर्मियों ने किया प्रदर्शन

पूरे देश मे राष्ट्रव्यापी दो दिवसीय बैंक कर्मी हड़ताल पर है। वही जिले में भी सभी बैंक कर्मी कार्य ठप कर प्रदर्शन कर रहे है। शहर के एसबीआई मैन ब्रांच पर सभी बैंक कर्मी जुट कर विरोध मार्च निकाला। बैंक को निजीकरण के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला।जिसके कारण ग्राहकों की काफी परेशानी बढ़ गई है ।



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