PATNA : एक तरफ लोग अपने परिजन की जान बचाने के लिए इस कोशिश में लगे हुए हैं कि उन्हें कहीं से ऑक्सीजन सिलेंडर मिल जाए, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके लिए यह आज कमाई का सबसे बेहतर जरिया बन गया है। कुछ सौ रुपए में मिलनेवाला ऑक्सीजन सिलेंडर आज लाखों रुपए में बिक रहा है। ऐसा ही एक मामला पटना से सामने आया है। यहां एक ईओयू के एडीजी से एनआरआई ने शिकायत की थी कि उसने एक सिलेंडर के लिए 1.10₹ का भुगतान किया है। जिसके बाद कार्रवाई में कालाबाजारी करनेवाले 9 शातिरों को ईओयू ने न सिर्फ ढूंढ निकाला बल्कि गिरफ्तार भी कर लिया है।
बताया गया कि अमेरिका में रहनेवाले पटना जिले के नौबतपुर के एक एनआरआई का कोई रिश्तेदार कोरोना संक्रमित थे। उन्हें घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी। ऑक्सीजन के लिए उन्होंने संपर्क किया तो हर्ष राज नाम के शख्स ने मोटी रकम की मांग की। उन्हें जरूरत थी लिहाजा उन्होंने उसके पटेल नगर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में यह रकम ट्रांसफर कर दी।
हालांकि एनआरआई ने पांच दिन पूर्व एडीजी ईओयू एनएच खान को व्हाट्सएप पर इसकी जानकारी दे दी। जिसके बाद एडीजी ने ईओयू के डीएसपी भाष्कर रंजन व रजनीश कुमार को कालाबाजारी के इस रैकेट में शामिल धंधेबाजों को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। तहकीकात के बाद सोमवार को हर्षराज को ईओयू ने खरीददार बनकर संपर्क किया व उसे राजीव नगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। इंद्रपुरी रोड न. 10 स्थित उसके घर की तलाशी में ली गई। ऑक्सीजन सिलेंडर भी बरामद किया गया है। साथ ही एक ई रिक्शा भी जब्त किया गया है, जिसका इस्तेमाल यह शातिर सिलेंडर के ट्रांसपोर्टेशन के लिए कर रहा था।
6 दिन में 9 लाख किए जमा
जांच के दौरान बात सामने आई कि हर्ष राज के बैंक ऑफ बड़ौदा स्थित उसके खाते में पिछले 6 दिनों में करीब 9 लाख रुपए जमा हुए हैं। खाते को फ्रीज करने की कार्रवाई की गई है। एक सिलेंडर के लिए उसने85 हजार रुपए से लेकर 1 लाख 15 हजार रुपए वसूल किए हैं।
पत्रकार हैं हर्ष के पिता
मूल रूप से मोतिहारी का रहने वाला हर्ष पटना के पटेल नगर इलाके में किराए पर रहता है। मोतिहारी में इसके पिता पत्रकार हैं। कोरोना की दूसरी लहर में यह कालाबाजारी का धंधा कर रहा था। यह अब तक पटना के लोगों से लाखों रुपए ठग चुका है। EOU की टीम इसके कनेक्शन को खंगाल ही रही थी कि शाम होते-होते इसके साथियों का पता चल गया। इस मामले में हर्ष, गौरी शंकर कुमार, रवि कुमार और राहुल कुमार को मिलाकर कुल 4 गिरफ्तारी हो गई है। अब टीम यह पता लगा रही है कि इनके पास जम्बो सिलेंडर कहां से आता था? इस काम में हर्ष की मदद कौन करता था? क्या इसका कनेक्शन किसी हॉस्पिटल स्टाफ से है या फिर गैस रिफिलिंग करने वाले किसी प्लांट से इसकी सेटिंग है?