BIHAR NEWS: बाबा रामदेव पर परिवाद दर्ज, पतंजलि विश्वविद्यालय के संयोजक बाबा रामदेव पर ये लगे आरोप

MUZAFFARPUR: एलोपैथी बनाम आयुर्वेदिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बीच बीते दिनों से जारी विवाद में बुधवार को मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवादी अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश की तरफ से अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने एक परिवाद पत्र दायर किया है। परिवाद पत्र में उन्होंने पतंजलि विश्वविद्यालय व शोध संस्थान के संयोजक स्वामी रामदेव बाबा पर आरोप लगाया है। बाबा रामदेव ने अलग अलग टीवी चैनलों पर एलोपैथी चिकित्सा विज्ञान को ‘स्टुपिड’ करार देते हुए कोरोना से हुई डॉक्टरों की मौत का मजाक उड़ाया है।

परिवाद पत्र में कहा गया है कि बाबा रामदेव ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए किए जा रहे टीकाकरण अभियान का भी मजाक उड़ाया है। साथ ही लोगों में टीकाकरण को लेकर जारी भ्रम को बढ़ावा दिया है, इसलिए उन पर 3,6(2) (I) महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 54K साथ ही 268, 153A 186, 188,269,270,336,420,499,336,420,499,124B,500,505/11IPC के तहत परिवाद दायर किया है जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए सुनवाई की अगली तिथि 7 जून को मुक़र्रर कि गई है।

स्वामी रामदेव का एक वीडियो बीते कुछ दिनों काफी वायरल हुआ था जिसमें वे खुद अपने मुख्य से ऐलोपैथी की बुराई करते दिखाई दे रहे थे। इस बयान के बाद IMA ने बाबा के खिलाफ महामारी एक्ट की धाराओं में कार्रवाई करने की मांग की थी। संस्था ने देश के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से भी इस मामले में स्टैंड लेने को कहा था। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की ओर से रामदेव बाबा को एक पत्र लिखकर जिसमे रामदेव बाबा को अपना बयान वापस लेने को कहा गया था।