BETTIAH: पश्चिम चम्पारण जिले में उपमुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन मंत्री द्वारा बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की गई। जिसमें यह बताया गया की जिले के 248 सड़क, पुल, पुलिया सहित 51 बांध/नहर की मरम्मती करायी गयी है। पिछले दिनों रामनगर के बाढ़ ग्रस्त इलाके में रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बाढ़ के पानी में फंसे 30 लोगों की जान बचायी गयी थी।
सामुदायिक किचेन के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 10725 लोगों को भोजन कराया गया है। बिचड़ा क्षति की प्रतिपूर्ति हेतु 2000 क्विंटल धान बीज आकस्मिक फसल योजना के तहत प्रभावित किसानों को निःशुल्क किया गया है वितरण। इस बैठक में जिले पर्यावरण मंत्री नारायण साह ,बगहा और चनपटिया के विधायक सहित इससे संबंधित सभी वरीय व कनीय अधिकारी मौजूद रहे । डिप्टी सीएम रेणु देवी देवी ने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिले में कई बार बाढ़ आपदा ने लोगों को क्षति पहुंचायी है। बाढ़ आपदा में जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य, राहत कार्य बेहतर तरीके से किया गया है, जो सराहनीय है। ऐसे ही किसी भी आपदा के समय में तत्परतापूर्वक कार्य कर लोगों की भलाई के लिए कार्य करें। बैठक बाद उपमुख्यमंत्री रेणू देवी पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बाढ़ आपदा से जुड़े सभी अधिकारी इमानदारी एवं निष्पाठपूर्वक अपने-अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निवर्हन करें। आमजन की भलाई के लिए हरसंभव कार्रवाई करें। सरकार स्तर पर बाढ़ पीड़ितों को मिलने वाली सभी सुविधाएं ससमय उन्हें मिलनी चाहिए। इस कार्य में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या लापरवाही नहीं बरती जाय, अन्यथा कार्रवाई भी की जायेगी।
उन्होंने कहा कि जिले में कई बार बाढ़ आ चुकी है, संभावित बाढ़ के मद्देनजर सभी तैयारियां समय से पूर्व कर ली जाय। जहां-जहां कटाव, जलजमाव आदि की संभावना है, वहां सुरक्षात्मक कार्य त्वरित गति से सम्पन्न करायी जाय। साथ ही जलजमाव के कारण क्षतिग्रस्त सड़क, पुल-पुलिया आदि की मरम्मति भी शीघ्र कराया जाए। उन्होंने कहा कि नदियों के जलस्तर में वृद्धि एवं जलजमाव के कारण हुई फसलों की क्षति का अच्छे तरीके से सर्वे कराकर प्रभावित किसानों की सूची तैयार की जाय। इसमें ध्यान रखा जाय कि वास्तविक प्रभावित किसान किसी भी सूरत में छूटे नहीं। सभी प्रभावित किसानों को सरकार द्वारा देय सहायता शीघ्र पहुंचायी जाय।
जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्ष 2021 में लगभग 2900 हेक्टेयर में गन्ना फसल क्षति का आकलन किया गया है। साथ ही 2478 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा क्षतिग्रस्त हुआ है। उन्होंने बताया कि बिचड़ा की प्रतिपूर्ति के लिए 2000 क्विंटल अल्प अवधि के लिए धान बीज आकस्मिक फसल योजना के तहत प्रभावित किसानों के बीच निःशुल्क वितरण किया गया है।