PATNA: कोविन पोर्टल पर सरकार ने बड़ा बदलाव किया है. इस पोर्टल के जरिए लोग कोरोना टीकाकरण के लिए खुद को रजिस्टर करते हैं. पोर्टल पर पहले वैक्सीन चुनने की सुविधा नहीं दी गई थी और टीकाकरण केंद्र पर जो वैक्सीन उपलब्ध हो उसे लगाया जाता था. इस बार सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए वैक्सीन चुनने का विकल्प दे दिया है. हालांकि अगर आप बिहार में रहते हैं तो पूरी जांच पड़ताल के बाद ही विकल्प का चयन करें, नहीं तो आपको कई तरह के मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
दरअसल बिहार में सबसे अधिक कोवीशील्ड की डोज दी गई है, इस कारण से इसकी साइट हर जगह मिल जाती है, लेकिन कोवैक्सिन में डोज के साथ साइट भी कम होती है. अब तक प्रदेश में 74 लाख 51 हजार 610 लोगों ने कोवीशील्ड की डोज ली है, जबकि कोवैक्सिन लेने वालों की संख्या महज 4 लाख 56 हजार 77 है. इसके पीछे बड़ा कारण है कि कोवैक्सिन मेडिकल कॉलेजों के साथ कुछ गिने-चुने सेंटरों को ही दी जाती है, जबकि कोवीशील्ड हर सेंटर पर होती है. बिहार के मात्र 5 जिले ऐसे हैं, जहां कोवैक्सिन लगी है. इन जिलों में पटना, मुजफ्फरपुर, वैशाली, गया और भागलपुर शामिल हैं. बाकी के 33 जिलों में जितनी भी डोज दी गई है वह कोवीशील्ड की है.
कोरोना की दोनों वैक्सीन के बारे में IMA बिहार के पूर्व अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद कहते हैं कि दोनों वैक्सीन ठीक है. दोनों में से कोई भी लगवाया जा सकता है. चयन के लिए किसी को भी परेशान नहीं होना है. पास के सेंटर पर जो भी वैक्सीन उपलब्ध हो उसी का टीका लगवा लेना है. दोनों वैक्सीन पर पूरा भरोसा है. दोनों ही टीके मेड इन इंडिया है और पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं.