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BIHAR NEWS: कोरोना की दूसरी लहर ने पैदा किया सूबे में कला संस्कृति के क्षेत्र में खालीपन, हमेशा के लिए दूर हो गये नामचीन कलाकार व लेखक

BIHAR NEWS: कोरोना की दूसरी लहर ने पैदा किया सूबे में कला संस्कृति के क्षेत्र में खालीपन, हमेशा के लिए दूर हो गये नामचीन कलाकार व लेखक

पटना: वैश्विक महामारी कोरोना का कहर कुछ इस कदर रहा कि उसने अपनी दूसरी लहर में सूबे के कई लेखकों, संगीतकारों, चित्रकारों व पुरातत्वविदों को हमेशा के लिए दूर कर दिया। दूर होने वालों में बिहार गौरव गान की लेखिका डॉक्टर शांति जैन, पद्मश्री डॉ रवींद्र राजहंस, बिहार संगीत नाटक अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष प्रो शैलेश्वर सती प्रसाद व प्रख्यात लेखक नागार्जुन के पुत्र सुकांत नागार्जुन जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा गुरुवार को पटना स्थित कला और शिल्प विभाग में कला विभाग के शिक्षक अविनाश दास ने भी कोविड के सामने दम तोड़ दिया। 

हर दिन खो रहे हैं एक सितारा

अपने सांस्कृतिक आयोजनों के लिए चर्चित मैथिली संगठन, चेतना समिति के सचिव उमेश मिश्रा कहते हैं, हम हर दिन कोरोना के कारण अपने एक कलाकार या लेखक को खो रहे हैं। कुछ ही दिन पहले हमने मैथिली थिएटर कलाकार कुमार गगन को खो दिया था। फिर, मैथिली रंगमंच के एक और चमकीले सितारे मनोज मनुज की भी मृत्यु हो गई। 


कलाकारों के लिए अच्छा नहीं रहा यह साल

डॉक्टर शांति जैन के निधन पर सांस्कृतिक कार्यकर्ता अभिजीत कश्यप कहते हैं, इनका जाना सूबे की कला और संस्कृति की दुनिया में एक बड़ा खालीपन पैदा कर गया। वहीं प्रख्यात कलाकार डॉ रमा कहती हैं, हमने डॉ रवींद्र राजहंस को भी खो दिया, मुझे अभी भी उनकी कविता और नुक्कड़ नाटक याद हैं जो वह जेपी आंदोलन के दौरान प्रस्तुत करते थे। कोरोना की दूसरी लहर में बनारस घराने के तबला वादक शिव कुमार सिंह की कोविड के कारण मृत्यु हो गई। उन्होंने ग्रैमी पुरस्कार विजेता तबला वादक संदीप दास को तैयार किया था। इसके अलावा शास्त्रीय गायक उस्ताद इरशाद खान भी नहीं रहे। कथक नर्तक राघव शाह की हालत भी अच्छी नहीं है। कोरोना से मरने वालों में पुरातत्वविद् अनिल कुमार, पुरालेखपाल विजय कुमार और लेखक सुरेंद्र यादव भी शामिल हैं। 

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