PATNA : बिहार विधानसभा बजट सत्र के दौरान 23 मार्च को सदन के अंदर पुलिस द्वारा विधायकों की पिटाई की गई, उसके जख्म अब भी नहीं भरे हैं। दो सप्ताह पहले हुए इस घटना को लेकर अब तेजस्वी यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को दो पन्नों का एक लेटर लिखा है। इस लेटर में उन्होंने विधायकों के साथ की गई बर्बर हिंसा का जिक्र करते हुए कहा है कि उस दिन जो कुछ भी हुआ, वह सही नहीं था। तेजस्वी ने लिखा है कि उस घटना में जो लोग भी दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
तेजस्वी ने लेटर में लिखा है कि उस दिन विधानसभा में जो असामान्य घटना घटी, वह सिर्फ विपक्ष ही नहीं लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला था, सदन में बाहर से आए पुलिस बिल्कुल अराजक गुंडे की तरह बिना कोई चेतावनी दिए मारपीट और उठापटक कर रहे थे। इसको लेकर भी तेजस्वी ने सवाल उठाए हैं
कौन दे रहा था उन्हें निर्देश
विधानसभा अध्यक्ष को लिखे लेटर में तेजस्वी ने घटना को लेकर सवाल भी खड़े किए हैं। उन्होंने लिखा है कि जिस तरह का व्यवहार पुलिस कर रही थी, वह जाहिर कर रहा था कि उन्हें कोई निर्देशित कर रहा था। तेजस्वी ने पूछा है कि आखिर किसके कहने पर अत्यधिक बल का प्रयोग किया गया। साथ ही मारपीट करने, उठाकर फेंकने, जुतों एवं बुटों से उनके सिर और पेट पर गंभीर चोट पहुंचाई गई। महिला विधायकों को बाल खींच कर मारने, घसीटने और उनकी साड़ी खोलने जैसे जघन्य एवं घृणित कार्य को अंजाम दिया गया।
जो भी हों दोषी, उन्हें बर्खास्त किया जाए
तेजस्वी ने विधानसभा अध्यक्ष को लोकतंत्र एवं जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों का सबसे बड़ा सरंक्षक बताते हुए लिखा है कि जो सरकार जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा न कर उन्हें बूटों और पैरों तले रौंदने का प्रयास करती है, उन्हें सत्ता में रहने का अधिकार नहीं हैं। तेजस्वी ने मांग की है कि बिहार विधानसभा को जालियावाला बाग बनाने की कोशिश करनेवाले अधिकारियों को शीघ्र बर्खास्त किया जाए