PATNA : आदरणीय पी.एम. @नरेंद्र मोदी जी,
जैसा कि आप जानते होंगे कि बिहार ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और अपेक्षित दवाओं की भारी कमी का सामना करने वाले # COVID19 प्रभावित राज्य में से एक है। मैं आपसे आक्सीजन आवंटन और अपेक्षित डिलीवरी में तेजी लाने का आग्रह करता हूं ताकि और अधिक जान बचाई जा सके।
Respected PM @narendramodi Ji,
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 20, 2021
As you may be aware that Bihar is among worst #COVID19 affected state facing acute shortage of oxygen,ventilators & requisite medicines. I urge you to kindly increase Oxygen allocation & expedite required delivery so that more lives could be saved.
यह वह संदेश है जो कि बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने देश के प्रधानमंत्री के लिए लिखी है। बिहार में कोरोना के कारण बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति सामने आई है, वह भयावह है और डरावना है। उसे देखते हुए तेजस्वी यादव लगातार स्थिति को सुधारने के प्रयास में जुटे हैं। बीते शनिवार को ही उन्होंने बिहार में सर्वदलीय बैठक में कोरोना से बचाव के लिए 30 सुझाव दिए थे, जिसमे वीकेंड कर्फ्यू सहित कोरोना मरीजों के साथ अटेडेंट की जगह सीसीटीवी से निगरानी करने और अटेंडेट से वीडियो कॉलिंग के बात कराने की व्यवस्था करने की मांग की थी।
दो दिन पहले केंद्र सरकार पर निकाली भड़ास, आज बदल गए सुर
एक तरफ जहां तेजस्वी राज्य में दवाओं वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की तेजी से सप्लाई के लिए केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं। उसी सरका के खिलाफ दो दिन पहले तेजस्वी के तेवर बेहद आक्रमक नजर आ रहा थे। उन्होंने केंद्र सरकार पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा था कि कोरोना संकट को एक साल बीत गया पर केंद्र सरकार ने अब तक क्या ठोस कार्य किया? हेल्थ इंफ़्रास्ट्रक्चर को कितनी मजबूती दी? PM केयर्स फंड का कहाँ सदुपयोग हुआ? आरोग्य सेतु एप्प कितना कारगर हुआ? टीकाकरण की गति कछुआ चाल क्यों है? वेंटिलेटर,O2, जरूरी दवाओं,बेड और संजीदगी की कमी क्यों है?
तेजस्वी इतने पर ही नहीं रूके और उन्होंने पीएम के काम करने के तरीके पर भी सवाल खड़ा किया था। उन्होंने लिखा था कि जब सरकार को जागना चाहिए था तब सरकार कोरोना बीमारी को ही नकार रही थी। फिर माना तब नमस्ते ट्रम्प व MP में सरकार बना ताली-थाली बजवा, दीया बत्ती जलवा रही थी। और जब मामले बढ़े तो गेंद राज्यों के पाले में फेंक दिया। जब केंद्र सरकार का कोई दायित्व ही नहीं है तो है किसलिए? चुनाव के लिए?