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ताली का आवाज से जलता-बूझता है यह मोदी टॉर्च, झोपड़ी में रहनेवाले छठवीं पास युवक ने किया कमाल

ताली का आवाज से जलता-बूझता है यह मोदी टॉर्च, झोपड़ी में रहनेवाले छठवीं पास युवक ने किया कमाल

BHAGALPUR :  सचमुच प्रतिभा किसी परिचय का मोहताज नहीं होता, सही कहा गया है पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं। एक ऐसा छात्र जो कर दिखाया एक ऐसा अनोखा कार्य जिसे देखकर आप भी दंग रह जाएंगे एक ऐसा आविष्कार कर दिखाया जो आपको भी सोचने पर मजबूर कर देगा तो आइए सीधे चलते हैं और देखते हैं आज के इस खास खबर में और जानते हैं कि एक छात्र ने 3 साल की मेहनत से क्या कुछ कर दिखाया अपने देश के लिए सिर्फ अपने मेहनत के बल पर। 

हम बात कर रहे हैं रामानंद पासवान की रामानंद बहुत ही गरीब परिवार में जन्मा वह नगीना है यह सिर्फ तराशने भर की जरूरत है। रामानंद के पिता कालू पासवान और मां सुलेखा पासवान का बड़ा पुत्र है। रामानंद तीन भाई और दो बहन है यह कुरमा पंचायत चन्नो रसलपुर भागलपुर का रहने वाला है यह रसलपुर भागलपुर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर है। इसने कैसे टॉर्च का निर्माण किया जो बोलने से जलता और बुझता है ताली की आवाज से जलता और बुझता है। साथ ही उसने कैसे कॉल बेल का भी निर्माण करना शुरू कर दिया है कि अगर कोई आपके घर गलत सोच से घुसता है तो यह कॉल बेल आपको आगाह कर देगा। रामानंद का अगला अनुसंधान है बिना पेट्रोल डीजल के वाहन चलाने को लेकर।

बिना पेट्रोल डीजल वाली गाड़ी पर कर रहा है काम

 रामानंद का कहना है मैं एक ऐसे अनुसंधान पर लगा हूं जो बिना पेट्रोल डीजल के वाहन रोड पर दौड़ेगी। बताते चलें कि उसे इस आविष्कार भी काफी हद तक सफलता मिल चुकी है। रामानंद आर्थिक तंगी के कारण छठी क्लास में ही अपनी पढ़ाई को छोड़ दिया क्योंकि उसके पिता कालू पासवान छोटा-मोटा मजदूरी करके बच्चों को किसी तरह खिला पिला सकता था, इसके अलावे और कुछ भी नहीं कर पाता था, लेकिन पूरा परिवार खासकर उसकी बड़ी बहन का काफी सपोर्ट रहा रामानंद को।रामानंद अपने प्रोजेक्ट के लिए खुद से कुछ कुछ कार्य कर लिया करते हैं उनसे पूछे जाने पर उनका कहना हुआ कि मैं अपने गांव में ही जितना भी मोबाइल खराब होता है मैं ही ठीक करता हूं और जो पैसा आता है उससे अपने नए अनुसंधान पर खर्च करता हूं। 

सही प्लेटफॉर्म की तलाश

रामानंद का कहना है कि मैंने कई तरह के आविष्कार किए लेकिन मुझे प्लेटफार्म अभी तक नहीं मिल पाया है मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि मेरे आविष्कार को देश के कोने कोने तक पहुंचा कर देशवासियों को भी इसका लाभ पहुंचाया जाए, भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी से यह काफी प्रभावित हैं और खासकर स्वदेशी अपनाओ विषयों को लेकर उनका कहना है कि मेड इन चाइना तो टॉर्च आपने बहुत यूज़ किया अब आवाज से जलने और बुझने वाली स्वदेशी मेड इन इंडिया प्रोडक्ट पर ध्यान देने की जरूरत है। अपने प्रधानमंत्री मोदी जी से प्रेरित होकर उसने अपने नए आविष्कारक टॉर्च का नाम ही मोदी टॉर्च रख दिया। आइए चलते हैं और देखते हैं रामानंद ने किस तरह और क्या क्या आविष्कार किया अपने देश भारतवर्ष के लिए। पूरा भारत वर्ष इसे सलाम करती है ऐसे जज्बे को जिसने इतनी कठिनाइयों को झेलते हुए भी इतना बड़ा काम किया।

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