HAJIPUR : वैशाली जिले के इस गांव में जाते ही दीवार पर स्वागत लिखा हुआ मिल जाएगा। लेकिन इस गांव की स्थिति यह है कि यहां शायद ही कोई जाने का जोखिम उठाएगा। न ही गांव में कोई स्वागत करनेवाले नजर आएगा। पिछले कुछ दिनो से कोरोना ने गांव को अपनी गिरफ्त में इस तरह से जकड़ा है कि यहां के बाद एक तीन सप्ताह में 20 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। अब भी कई लोग बीमार हैं। हालात यह है कि गांव में रहनेवालों लोगों के बीच मौत का डर नजर आने लगा है।
महामारी की जंजीरों में कैद इस गांव का नाम है घोसवर। हाजीपुर जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर हाजीपुर मुजफ्फरपुर NH के किनारे बसा यह गांव है। 2000 की आबादी बाली इस गांव के आधे लोग बीमार हैं। दो दर्जन के करीब अपनी जान गवां चुके हैं। इसके बाद भी जिले के स्वास्थ्य विभाग का इस गांव पर विशेष निगरानी नहीं है। घोस्वर गांव में एक उप स्वास्थ्य केंद्र है जहां डॉक्टरों की कमी और जांच की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है गांव के इस अस्पताल पर सन्नाटा पसरा रहता है।
गांव में नहीं हो रही है जांच
एक तरफ सरकार ग्रामीण इलाके में ज्यादा से ज्यादा जांच की बात करती है, वहीं जमीनी हकीकत इससे अलग नजर आती है। घोसवर गांव इसका सबसे बेहतर उदाहरण है। गांव में करोना कि ऐसी भयावह स्थिति बनी हुई है जहां लोग दहशत में है और पूरे गांव में मातम छाई हुई है। गांव में निवास करने वाले लोगों का कहना है कि यहां लोग मर रहे हैं। गांव के आधे लोग बीमार पड़े हुए हैं लेकिन कोई सरकार के तरफ से कुछ नहीं किया जा रहा है। यहां हालत ऐसी है कि कि इलाज मुहैया नहीं होने पर पूरा गांव लाशों में बदल जाएगा।