बिहार कोकिला शारदा सिन्हा ने खोले राज, स्वर कोकिला लता दी से मिलने की आस का क्या हुआ

पटना. बिहार कोकिला शारदा सिन्हा ने रविवार को स्वर कोकिला लता मंगेशकर को याद किया. उनके निधन पर शोकाकुल शारदा सिन्हा ने लता मंगेशकर को लेकर अपने संस्मरणों का एक वीडियो पोस्ट किया. इसमें उन्होंने लता दी से जुड़े अपने कई राज खोले.
उन्होंने कहा कि वे बचपन से ही लता की फैन थी. उन्हें बचपन से पत्र लिखती थी. लेकिन आज तक उनकी लता मंगेशकर से मुलाकात नहीं हो पाई. इसका उन्हें आज भी मलाल है. उन्होंने कहा, लता दी से मिलने की मेरी आस पूरी नहीं हुई. सौभाग्यशाली रही कि ‘मैंने प्यार किया’ और ‘हम आपके हैं कौन’ इन दोनों फिल्मों में मैंने गाया जिसमें लता दी ने भी गाया था. ऐसा अवसर कम को मिलता है.
उन्होंने कहा, लता दीदी को माँ सरस्वती स्वयं आकर अपने साथ ले गई. आज सरस्वती विसर्जन पर उनका निधन होना कुछ वैसा ही है. धरती पर वह सरस्वती की पुत्री थी. 92 सैलून से हम उनसे प्रेरणा ले रहे थे. उनके गीत सदा अमर रहेंगे. उनके गीतों का सुकून जो लोगों ने सुना, हर भाषाभाषी ने मान दिया सब आज व्यथित हैं. पूरे राष्ट्र में आज शोक की लहर है.
बिहार कोकिला ने कहा कि आज लता दी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके अमर गीत सदा अमर रहेंगे. वे सदा गीतों के माध्यम से हमारे बीच रहेंगी. कितने ही कलाकार उनसे प्रेरित रहे. उन्होंने हर विधा के गीत गाये. उनके गीतों में जो सुकून था वह शायद ही किसी अन्य में हो.
उन्होंने कहा कि बहुत सारे संघर्षों के बाद सोने की तरह तपा हुआ लता दी का व्यक्तिव ऐसा था कि वह देश का गौरव थी . वह ऐसी शख्सियत थी जो विश्व में सिर्फ हमारे पास थी. शारदा सिन्हा ने कहा कि वः बचपन से ही लता दी की फोलोवर रही. लता दी का पता जानकर उन्हें बचपन से पत्र लिखा. उनका मुम्बई के घर का पता भी शारदा को मुंह जबानी याद था. उन्होंने कहा कि लता दी का प्रभुकुंज का पता मुझे छोटी उम्र से याद था और उन्हें कई पत्र लिखे.