NEW DELHI/PATNA : अफसरशाही को लेकर अपना इस्तीफा सौंप दिल्ली पहुंचे बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी को लेकर यह संभावना जतायी जा रही थी कि वह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात कर सकते है। नई दिल्ली से आई इस सियासी संभावना का असर पटना में भी नजर आने लगा। जहां एनडीए के नेता इस मामले पर चुप्पी साधे रहने में ही अपनी बेहतरी समझी, वहीं राजद में इसको लेकर उत्साह नजर आने लगा। लेकिन इस उत्साह पर मदन सहनी ने पानी फेर दिया है। न्यूज4नेशन से बातचीत में उन्होंने साफ कर दिया है कि वह लालू प्रसाद से नहीं मिल रहे हैं और न ही उनका राजद के साथ जाने का कोई इरादा है। जाहिर है कि मदन सहनी के इन बयानों के बाद राजद की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है।
इससे पहले मदन सहनी और लालू प्रसाद की मुलाकात की संभावनाओं को राजद ने अपनी सफलता बताया। पार्टी के 25वें स्थापना दिवस की तैयारी में लगे राजद नेताओं ने कहा कि यह तेजस्वी यादव का असर है। पार्टी प्रवक्ता बंटू सिंह ने कहा कि अभी तेजस्वी यादव ने पहला गियर लगाया है. तो नीतीश कुमार की यह हालत हो गई है। जबकि गाड़ी में पांच गियर होते हैं, अगर सभी गियर लग गए तो क्या हाल होगा। इस दौरान उन्होंने अफसरशाही और ट्रांसफर पोस्टिंग पर जदयू नेताओं की चुप्पी पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि पार्टी का कोई प्रवक्ता कुछ भी बोलना नहीं चाहता है, क्योंकि सभी जानते हैं कि बिहार में हालात क्या है। यह सरकार कभी भी गिर सकती है।
बहरहाल, राजद नेता भले ही तेजस्वी यादव के गियर बदल कर सरकार बनाने की उम्मीद पाले बैठे हैं, लेकिन मदन सहनी के बयानों से साफ कर दिया है कि वह व्यवस्था से नाराज हैं, लेकिन इसका कोई दूसरा सियासी मायने तलाशने की आवश्यकता नहीं है।
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