पटना : बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षक को लेकर पटना के गांधी मैदान से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो कहा था उसे अमली जामा पहनाने की कवायद पूरी कर ली गई है.नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति सक्षमता परीक्षालेगा . इस परीक्षा के बाद नियोजित शिक्षक को राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाएगा.बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षकों की समक्षमता परीक्षा बीएसईबी यानि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति लेगी. नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति यानी बिहार बोर्ड की ओर से सक्षमता परीक्षा ली जाएगी. शिक्षा विभाग ने बीएसईबी को इसके लिए प्राधिकृत कर दिया है. शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं. सक्षमता पास करने वाले नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाएगा. उन्हें परीक्षा देने का तीन बार मौका दिया जाएगा.
राज्य सरकार ने पहले हीं शिक्षक नियमावली में बदलाव कर नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए बीपीएससी की परीक्षा पास करने की बाध्यता रखी थी. इसका बड़े स्तर पर विरोध हुआ. इसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि वे नियमावली को बदलेंगे. फिर नीतीश कैबिनेट से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला लिया गया.
नियोजित शिक्षकों को तीन मौका मिलेगा सक्षमता परीक्षा पास करने का. अगर वे इसमें चूक जाते हैं तो वे राज्य कर्मी का दर्जा नहीं पा सकेंगे. अनुतीर्ण नियोजित शिक्षकों का क्या होगा, इस बाबत अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है.परीक्षा पास न करने की सूरत में इतना तय है कि वे सरकारी शिक्षक बनने से चूक जाएंगे.