बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

बिजली दरों को लेकर सीएम नीतीश की मांग - देश में एक समान हो कीमत, कई राज्यों ने भी जताई सहमति

बिजली दरों को लेकर सीएम नीतीश की मांग - देश में एक समान हो कीमत, कई राज्यों ने भी जताई सहमति

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिजली के लिए "एक राष्ट्र, एक दर" की नीति का समर्थन किया है। उन्होंने कहा करते हुए कहा कि इससे बिहार जैसे राज्यों को लाभ मिलेगा जिन्हें कई अन्य राज्यों की तुलना में अधिक दर पर बिजली मिलती है.वह पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की संचालन परिषद की छठी बैठक को संबोधित कर रहे थे। 

सीएम कुमार ने कहा कि बिहार 2005 में केवल 700 मेगावाट बिजली का उपयोग करता था, लेकिन पिछले 15 वर्षों में परिदृश्य बदल गया है और राज्य में जून 2020 में 5,990 मेगावाट बिजली की खपत हुई है. उन्होंने कहा कि बिहार को अधिक दर पर बिजली मिलती है और राज्य सरकार को बिजली वितरण कंपनियों को अधिक अनुदान देना पड़ता है ताकि लोगों को किफायती दर पर बिजली मिले. सीएम का कहना था कि ‘वन नेशन-वन ग्रिड’ और ‘वन नेशन-वन राशनका़र्ड’ की तर्ज पर ‘वन नेशन- वन टैरिफ’ होना चाहिए। अभी प्रदेशों में बिजली की दर अलग-अलग हैं।  मसलन, एक प्रदेश में प्रति यूनिट दर आठ रुपये है, जबकि पास के राज्य में छह रुपये है।

संसद में भी उठ चुकी है मांग

पूर्व में संसद के अंदर कई बार सांसद ‘वन नेशन-वन टैरिफ’ की मांग कर चुके हैं। पंजाब से राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक ने कई बार संसद में इस मुद्दे को उठाया है। उनकी दलील  है कि एक राज्य में बिजली की दर अधिक है और पास के राज्य में कम है। जिन प्रदेशों में बिजली की दर कम है, वहां उद्योग अधिक लग रहे हैं। रोजगार की वजह से पलायन बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार को ‘वन नेशन-वन टैरिफ’ पर विचार करना चाहिए।

कई तरह की मुश्किलें

 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक के कार्यवृत्त के मुताबिक, केंद्र ने राज्यों की तरफ से उठाए गए सभी मुद्दों और मांगों की जांच कर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘वन नेशन-वन टैरिफ’ में कई तरह की मुश्किलें हैं। राज्यों में बिजली की दर नियामक आयोग तय करते हैं। इस बारे में सभी राज्यों के साथ चर्चा कर आम सहमति बनाने की भी जरूरत है।

बता दें कि बिहार में फिलहार 6000 मेगावाट बिजली की खपत है, जिसमें केंद्र से सिर्फ 3500 मेगावाट के करीब ही बिजली उपलब्ध कराई जाती है, वहीं बाकी बिजली के लिए बाजार से अधिक कीमत पर खरीदारी करनी पड़ रही है। जिससे उपभोक्ताओं को अधिक कीमत पर बिजली उपलब्ध हो रही है।



Suggested News